एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बंद रहा बरही नगर, जुलूस निकालकर ज्ञापन सौंपा

एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बंद रहा बरही नगर, जुलूस निकालकर ज्ञापन सौंपा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-30 11:25 GMT
एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बंद रहा बरही नगर, जुलूस निकालकर ज्ञापन सौंपा

डिजिटल डेस्क, बरही/ कटनी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक के विरोध में गुरुवार को बरही नगर बंद रहा। सामाजिक संगठनों ने बंद की अपील की थी। इस पर लोगों ने व्यापक समर्थन किया और बरही का पूरा मार्केट बंद रहा। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित चाय और पान की दुकानें तक बंद रहीं। 

सुबह से ही दुकानदारों ने दुकानों के शटर नहीं खोले। खास बात यह रही कि व्यापारियों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। चाय, पान से लेकर सब्जी, किराना, दवा दुकानों, प्राइवेट अस्पताल सब बंद रहे। इससे लोगों को कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। एक दिन पहले शहडोल जिले के पपोंध गांव भी बंद का आयोजन किया गया था।

रैली निकालकर जताया विरोध  
विधेयक के विरोध में स्थानीय पुराना तालाब स्थित श्रीरामलला मंदिर से विशाल रैली निकाली गई। इस रैली में महाबंद वर्किंग कमेटी के सदस्यों सहित व्यापारी एवं नागरिक शामिल थे। नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए रैली बस स्टैंड रामलीला चौराहे में आमसभा में परिवर्तित हो गई। यहां वक्ताओं ने केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट में किए संशोधन से संबंधित विधेयक को काले कानून की संज्ञा दी। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार एमएल तिवारी को ज्ञापन सौंपा। 

पपौंध में नुक्कड़ सभा 
जातिगत आरक्षण के विरोध में शहडोल जिले की उप-तहसील पपौंध में बुधवार को बाजार बंद रहा। साप्ताहिक बाजार का दिन होने के बावजूद शत-प्रतिशत दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बाजार में कटनी व बरही तक से व्यापारी आते हैं, उन्होंने भी दुकानें नहीं खोलीं। बंद का आह्वान करने वाले लोगों ने नगर में रैली निकाली। नुक्कड़ सभा भी की। लोगों ने कहा कि आरक्षण जातिगत नहीं आर्थिक आधार पर होना चाहिए। जातिगत आरक्षण से प्रतिभाओं का हनन हो रहा है। वक्ताओं ने एससी-एसटी एक्ट में बदलाव का भी विरोध किया। इसके बाद तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।एससी-एसटी एक्ट के विरोध में नहीं खुले दुकानों के ताले

Similar News