बावनथड़ी उफान पर फिर भी नहीं खुले बांध के गेट, 47 गांवों की सिंचाई हो सकती है प्रभावित

बावनथड़ी उफान पर फिर भी नहीं खुले बांध के गेट, 47 गांवों की सिंचाई हो सकती है प्रभावित

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-14 10:15 GMT
बावनथड़ी उफान पर फिर भी नहीं खुले बांध के गेट, 47 गांवों की सिंचाई हो सकती है प्रभावित

डिजिटल डेस्क, तुमसर( भंडारा )। जिले की बावनथड़ी नदी इन दिनों उफान पर है परंतु सोंड्याटोला सिंचाई प्रकल्प से जलापूर्ति नहीं की जा रही है। बारिश चकमा दे गई तो सिहोरा परिसर के 47  गांवों को सिंचाई से वंचित रहने की नौबत आ सकती है। नदी से पानी का वितरण करने की तैयारी  है। वहीं प्रकल्प भी लबालब भरा है। इसके बावजूद बारिश के दिनों में प्रकल्प के गेट  न खोलने से सवाल उठ रहे हैं।

वैसे तो तुमसर तहसील के सिहोरा परिसर के किसानों के लिए सोंडय़ाटोला सिंचाई योजना वरदान है। परिसर के 47 गांव इसी योजना से सिंचाई के क्षेत्र में आते हैं। करोड़ों रुपए खर्च कर इस योजना को पूरा किया गया। दोहन सिंचाई योजना के लिए आपूर्ति की जाने वाली बिजली बिल का भुगतान भी पूर्णत: किया गया है। जल वितरण करने के लिए पांच मोटरपंप भी तैयार है। शासन ने बिजली बिल का भुगतान पूर्ण किया है, यंत्रणा अपडेट है और बारिश भी जारी है।

वहीं मध्यप्रदेश में भी मूसलाधार बारिश होने की जानकारी है। जिससे बावनथड़ी नदी लबालब भरकर बह रही है। जबकि सोंड्याटोला प्रकल्प से पानी का वितरण नहीं जा रहा है। जिससे इस प्रकल्प को लेकर किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अगस्त से सितंबर माह में प्रकल्प से पानी का वितरण किया जाता है। इस वर्ष भले ही मानसून ने देरी से दस्तक दिया हो, लेकिन वर्षा अच्छी हो रही है। वहीं आगे चलकर बरिश रूठ गई तो इसका असर चांदपुर जलाशय पर हो सकता है। प्रति वर्ष हो रही अल्प बारिश के चलते किसानों का मानसून  से भरोसा उठ गया है। इसलिए किसान चिंतित हैं। चांदपुर जलाशय पर सिहोरा परिसर की खेती निर्भर है। जिसके कारण समय बरबाद न करते हुए जलापूर्ति करने के लिए नियोजन करने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है।

गेट बहने का भय
बारिश के दिनों में प्रकल्प के गेट नहीं खोले जा सकते। पानी के तेज बहाव से गेट पानी में बह जाने का खतरा बना रहता  है। अगस्त से सितंबर माह में पानी दोहन करने का आदेश शासन द्वारा दिया गया है। बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदा के चलते बारिश के दिनों में पानी दोहन नहीं किया जा सकता है। 
एमजे मिरत, शाखा अभियंता चांदपुर प्रकल्प

 

Similar News