पॉलिटिकल ड्रामा : टिकट का इंतजार करते रह गए बावनकुले, पार्टी ने थमाया दूसरे को एबी फार्म

पॉलिटिकल ड्रामा : टिकट का इंतजार करते रह गए बावनकुले, पार्टी ने थमाया दूसरे को एबी फार्म

Tejinder Singh
Update: 2019-10-04 10:38 GMT
पॉलिटिकल ड्रामा : टिकट का इंतजार करते रह गए बावनकुले, पार्टी ने थमाया दूसरे को एबी फार्म

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कराने के अंतिम दिन भाजपा में जमकर पॉलिटिकल ड्रामा चला। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृहजिले में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले अंतिम समय तक पार्टी टिकट का इंतजार करते रह गए। कामठी निर्वाचन सीट के लिए बावनकुले का नाम तय नहीं हो पाया। आखिरी समय में बावनकुले की पत्नी ज्योति बावनकुले ने निर्दलीय नामांकन दर्ज कराया। ज्योति के नामांकन दर्ज कराने के समय निर्वाचन अधिकारी के समक्ष भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ.राजीव पोतदार भी थे। माना जा रहा था कि ज्योति बावनकुले भाजपा उम्मीदवार होगी। लेकिन फिर से नया मोड़ आ गया। जब नामांकन दर्ज कराने के अंतिम समय में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अचानक टेकचंद सावरकर का नाम सामने आया। बीजेपी ने अनिल निदान के अलावा सावरकर को भी एबी फार्म दिया था। बताया जा रहा है कि सावरकर ही बीजेपी के उम्मीदवार होंगे। टेकचंद सावरकार जिला परिषद के सदस्य रहे हैं, उवकी पत्नी निशा सावरकर फिल्हाल जिला परिषद की अध्यक्ष है। 

इससे पहले भाजपा ने कामठी क्षेत्र के लिए पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल निदान को उम्मीदवार के तौर पर एबी फार्म थमा दिया था।  नामांकन दर्ज कराने का अंतिम समय दोपहर 4 बजे तक था। करीब 2.30 बजे निदान को एबी फार्म मिला। हालांकि एक दिन पहले उन्हें टिकट मिलने का संकेत मिला था। नामांकन के संबंध में उन्होंने दस्तावेज तैयार कर रखे थे। लिहाजा एबी फार्म दर्ज कराने के लिए वे मोटरसाइकिल से कामठी के नगरपरिषद कार्यालय पहुंचे। खास बात यह है कि बावनकुले राज्य मंत्रिमंडल में हेवीवेट मंत्री माने जाते हैं। ऊर्जा व आबकारी विभाग के मंत्री है। साथ ही नागपुर व वर्धा जिले के पालकमंत्री हैं। 

शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री  देवेंद्र फडणवीस ने दक्षिण पश्चिम नागपुर सीट के लिए लिए बतौर भाजपा उम्मीदवार नामांकन दर्ज कराया। बावनकुले उनके साथ ही थे। बावनकुले का टिकट कटने को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है। उधर राज्य मंत्रिमंडल में 12 विभागों के मंत्री के साथ राज्य में दूसरे स्थान पर मंत्री रहे एकनाथ खडसे, मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे शिक्षामंत्री विनोद तावडे व प्रभावशाली खनिज मंत्री रहे प्रकाश मेहता को भी टिकट नहीं मिला है। 


 

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