तीन साल में बायो- माइनिंग प्रोजेक्ट से खत्म होगा भांडेवाड़ी का कचरा - सीएम फडणवीस

 तीन साल में बायो- माइनिंग प्रोजेक्ट से खत्म होगा भांडेवाड़ी का कचरा - सीएम फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-19 09:29 GMT
 तीन साल में बायो- माइनिंग प्रोजेक्ट से खत्म होगा भांडेवाड़ी का कचरा - सीएम फडणवीस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि भांडेवाड़ी में जमा 10 लाख मीट्रिक टन घनकचरा अगले 3 साल में बायो-माईनिंग प्रकल्प के माध्यम से खत्म हो जाएगा। केन्द्र व राज्य सरकार से पुरस्कृत स्वच्छ भारत मिशन में जमा कचरे को बायोमाइनिंग कर तकनीक से अलग-अलग किया जाएगा। अगले 3 साल में 22 हेक्टेयर जगह में गार्डन, घर या कोई अन्य प्रकल्प बनाया जा सकता है। सीएम भांडेवाड़ी में कचरा पर बायोमाइनिंग माध्यम से प्रक्रिया करने वाले प्रकल्प के भूमिपूजन के अवसर पर बोल रहे थे।

इस अवसर पर पूर्व नागपुर के 45 झोपड़पट्टीधारकों को प्रतिनिधि के रूप में मालिकाना हक के पट्टों का वितरण मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी के हाथों  किया गया। मंच पर केंद्रीय मंत्री गडकरी, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक कृष्णा खोपड़े, अनिल सोले, सुधाकर कोहले, जिलाधिकारी अश्विन मुदगल, मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर, नागपुर सुधार प्रन्यास सभापति शीतल उगले आदि उपस्थित थे।

विकास ही लक्ष्य : गडकरी
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा मैं जात-पात, पंथ, धर्म देखकर कभी भी राजनीति नहीं करता हूं। जिसको बोला उसका काम किया और जिसको नहीं बाेला उसका भी काम किया। गरीबों में धर्म, पंथ नहीं होता है। विकास के कार्य में कभी भी भेदभाव नहीं किया। मैंने सिर्फ सेवा और विकास का काम किया। अब इस परिसर में प्रत्येक झोपड़पट्टीधारकों को जमीन का अधिकार देकर अभिमान होता है।

आम नागरिकों को मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि भांडेवाड़ी से 22 हेक्टेयर जगह कचरा मुक्त होगी। इस प्रकार के प्रकल्प का उपयोग करने वाला नागपुर देश का पहला शहर है। इससे प्रदूषण कम होेने के साथ ही कचरे से होने वाली दुर्गंध और बीमारियों से आम नागरिकों को राहत मिलेगी। स्वच्छता सर्वेक्षण में सहभाग देकर सफाई बनाए रखने का संदेश भी उन्होंने दिया।

पट्टे के संदर्भ में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि पहले कई नेताओं ने गरीबी हटाने का नारा दिया लेकिन करना क्या है यह किसी को समझ में नहीं आया। गरीबों को कम से कम जमीन का अधिकार दिया गया तो वह विकास कर सकता है। हमारी सरकार आते ही पट्टे वितरण में आने वाली अड़चनों का दूर करने का तय किया। 17 नवंबर 2018 को यह निर्णय लिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के करीब 10 लाख लोगों को अपना घर मिलेगा। 

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