भिण्ड: मार्च में कैम्प लगाकर करें शेष दिव्यांगजनों की पहचान - संदीप रजक

भिण्ड: मार्च में कैम्प लगाकर करें शेष दिव्यांगजनों की पहचान - संदीप रजक

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-02-06 09:08 GMT
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डिजिटल डेस्क, भिण्ड। आयुक्त निःशक्तजन कल्याण श्री संदीप रजक ने कहा है कि सभी दिव्यांगजनों की पहचान के लिये सतना जिले में समग्र विस्तार वाले क्षेत्रों को 9 क्लस्टर में बाँटकर मार्च महीने में लगातार कैम्प आयोजित करें। इन कैम्पों में निर्धारित 21 प्रकार की निःशक्तता वाले दिव्यांगजनों को चिन्हांकित कर उन्हें यूडीआईडी कार्ड उपलब्ध करायें। श्री रजक ने यह बात सतना में बुधवार को जिला अधिकारियों की एडवोकेसी बैठक को संबोधित करते हुए कही।

आयुक्त निःशक्तजन ने बताया कि अभी जिले में 20 हजार 425 दिव्यांग पंजीकृत हैं। इन्हें कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ मिल रहा है। सर्वे उपरांत यह संख्या बढ़ भी सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी दिव्यांगजन के लिये यूडीआईडी कार्ड उसके आधार कार्ड की तरह ही महत्वपूर्ण है। जिले में 30 हजार 931 यूडीआईडी के आवेदनों में 15 हजार 400 कार्ड दिये गये हैं। शेष रिजेक्ट आवेदनों को 9 समग्र विस्तार अधिकारियों में बराबर बांटकर परीक्षण करायें। श्री रजक ने कहा कि सतना जिले में दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड बनाने में अच्छा काम हुआ है। निःशक्तजन की योजनाओं एवं दिव्यांगजनों को सुविधाओं के बारे में सभी विभागों के अधिकारी पूरी तरह अवगत रहें और सम्मिलित प्रयास से दिव्यांगजनों को सेवाओं, सुविधाओं और शासकीय योजनाओं का लाभ दिलायें।

आयुक्त निःशक्तजन श्री रजक ने कहा कि सभी विभाग दिव्यांगजनों के लिये विभागीय सेवाओं, योजनाओं में दी जा रही छूट और विशेष रियायती सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें। बैठक में बताया गया कि कोविड-19 संक्रमण काल में दिव्यांगजनों के लिये अनेक गतिविधियाँ और हस्तक्षेप संचालित कर उन्हें राहत और सुविधाएँ दी गई हैं। इस दौरान 15 हजार निःशक्तजन प्रमाण-पत्र दिये गये हैं। पेंशन योजनाओं में दिव्यांगजनों का शत-प्रतिशत सत्यापन और एलिम्को के सहयोग से 374 हितग्राहियों को सहायक उपकरण प्रदान किये गये हैं और निःशक्तजन चिन्हांकन-मेडिकल कैम्प के माध्यम से 1400 दिव्यांगजनों की पहचान भी की गई है।

दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड दिखाने पर जिले में प्राइवेट बसों के किराये में 50 प्रतिशत की छूट 5 सीटों का आरक्षण भी रखा जा रहा है। श्री रजक ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने यूडीआईडी कार्ड के माध्यम से दिव्यांगजनों को सीधे लाभ देना शुरू किया है। जब तक सभी दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड नहीं बन जाते, तब तक निःशक्तता प्रमाण-पत्र के आधार पर भी सेवाएँ दी जायें। उन्होंने नगर निगम एवं विभागों के अधिकारियों से कहा कि शासकीय, अशासकीय कार्यालय, सार्वजनिक स्थल, बाजार, मॉल, सिनेमाघर में दिव्यांगजनों के सुगम आवागमन के लिये रैम्प अथवा लिफ्ट और प्रसाधन की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को दिव्यांगजनों के लिये हेल्पलाइन सेवा के लिये शहर के प्रमुख थाने में महिला डेस्क के साथ दिव्यांग डेस्क भी संचालित करने का सुझाव दिया।

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