ब्लैक फंगस - हर दिन बढ़ रहे मामले, 50 से ज्यादा मरीज

ब्लैक फंगस - हर दिन बढ़ रहे मामले, 50 से ज्यादा मरीज

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-17 08:43 GMT
ब्लैक फंगस - हर दिन बढ़ रहे मामले, 50 से ज्यादा मरीज

मेडिकल में म्यूकोरमाइकोसिस के 27 एक्टिव केस,  लगभग इतने ही निजी अस्पतालों में 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना महामारी के बीच बड़े खतरे की तरह सामने आ रहे ब्लैक फंगस के मरीज, अब तेजी से बढ़ रहे हैं। अकेले मेडिकल कॉलेज में ही इस वक्त 27 मरीज भर्ती हैं, जिनमें कुछ का ऑपरेशन हो चुका है। वहीं इतने ही मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। बताया जा रहा है कि शहर में म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के 50 से ज्यादा मामले वर्तमान में सक्रिय हैं, हालाँकि कोरोना की तरह इनकी वास्तविक संख्या की पुष्टि नहीं हो सकी है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए किसी तरह का डाटा नहीं जुटाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि भोपाल से अभी इस तरह के निर्देश नहीं हैं कि ब्लैक फंगस के मामलों का डाटा जुटाया जाए। ब्लैक फंगस के नए मरीजों के मिलने की रफ्तार इस तरह समझी जा सकती है कि मेडिकल में ही हर दिन 5 नए केस सामने आ रहे हैं। 
मेडिकल में 27 मरीज - मेडिकल कॉलेज में ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने बताया मेडिकल कॉलेज में बनाई गई म्यूकोरमाइकोसिस यूनिट में 27 मरीज उपचाररत हैं। वहीं निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या से इनकार नहीं किया जा सकता। जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या एवं अन्य डाटा जुटाने के लिए जरूरत, सुझाव भी गत दिवस आयोजित हुई बैठक में दिए गए हैं, ताकि इस बीमारी से लडऩे के लिए जरूरी रूपरेखा जिला स्तर पर तैयार हो सके। 

अन्य जिलों के मरीज भी - शहर में  म्यूकोरमाइकोसिस के इलाज के लिए अन्य जिलों से भी मरीज पहुँच रहे हैं। मेडिकल कॉलेज समेत निजी अस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है। कुछ गंभीर मामलों में मरीज की जान बचाने के लिए आँखें भी निकाली गईं हैं।   ब्लैक फंगस के चलते मेडिकल कॉलेज में ही 4 मौतें हो चुकीं हैं।  
किन्हें सबसे ज्यादा खतरा 
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से ठीक हो चुके या ठीक हो रहे मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि कोरोना के ट्रीटमेंट के दौरान स्टेरॉयड आदि देने से मरीज की शुगर बढ़ जाती है, जो ब्लैक फंगस होने का बड़ा कारण है। बीमारी इतनी खतरनाक है कि लोगों की जान बचाने के लिए उनके शरीर के अंग तक काटकर निकालने पड़ सकते हैं। उन मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है, जो लंबे वक्त से डायबिटीज से जूझ रहे हैं। ऐसे में कोरोना ठीक होने के बाद भी रेगुलर हेल्थ चैकअप कराएँ, खास तौर पर शुगर की जाँच। इन लक्षणों से पहचानें 6 ब्लैक फंगस के मरीजों में चेहरे का एक तरफ से सूज जाना, सिरदर्द, नाक बंद होना, उल्टी आना, मुँह के ऊपरी हिस्से या नाक में काले घाव होना, चेहरे पर झुनझुनी आना, दाँत सुन्न होना, तालू पर छाला होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। 
इनका कहना है
ब्लैक फंगस के मामलों को लेकर अभी भोपाल से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। अगर कोई निर्देश मिलते हैं तो इन मरीजों का डाटा भी जुटाया जाएगा। 
-डॉ. रत्नेश कुरारिया, सीएमएचओ  

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