देवी मंदिर पर चला बुलडोजर, लोगों में भड़का आक्रोश, बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात
देवी मंदिर पर चला बुलडोजर, लोगों में भड़का आक्रोश, बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात
डिजिटल डेस्क बालाघाट। भटेरा मार्ग पर सुबह से प्रारंभ हुई अतिक्रमण कार्यवाही शाम 5 बजे तक चली। इस दौरान अतिक्रमण दस्ते ने भटेरा मार्ग पर स्थित देवी मंदिर सहित अतिक्रमण में आ रहे भवन, घर और होटल की बाउंड्रीवाल सहित अन्य अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर अक्षय तेम्रावाल, एसडीएम के.सी. बोपचे, तहसीलदार रामबाबु देवांगन, नपा सीएमओ दिनेश बाघमारे, सीएसपी देवेन्द्र यादव सहित राजस्व के अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।
े मंदिर को हटाने बनी रही गहमागहमी-
नगर के भटेरा मार्ग पर वर्षो से बने देवी मंदिर के अतिक्रमण में होने से आज उसे हटाने की कार्यवाही के दौरान गहमागहमी का माहौल निर्मित रहा। मंदिर की व्यवस्था देख रहे मुन्ना बाबा के मंदिर को हटाने की कार्यवाही के दौरान बाधा पैदा करने पर पुलिस उसे उठाकर अपने साथ ले गई। जिसके बाद धर्म प्रेमी संयोग कोचर ने यहां पहुंचकर मातारानी की प्रतिमा स्थल को न तोड़े जाने की गुजारिश की, जिसे प्रशासन ने अनसुना कर दिया। आखिरकार भारी गहमागहमी के बीच प्रशासनिक अमले ने सख्ती दिखाते हुए अतिक्रमण दस्ते से प्रतिमा को व्यवस्थित बाहर निकालकर मंदिर को धराशाही कर दिया। इस दौरान मंदिर और उससे लगी अतिक्रमण में बनी दुकानो को बुलडोजर से हटाकर पूरी जगह को खाली करवा दिया गया। अतिक्रमण हटाओ दस्ते आगे बढ़ा तो भटेरा स्कूल से लगे हॉटल की बाउंड्रीवाल को तोडऩे के दौरान भी अतिक्रमण हटाने पहुंचे अमले को विरोध का सामना करना पड़ा, यहां प्रशासनिक समझइश के बाद बाउंड्रीवाल को तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इसके अलावा रेलवे क्रासिंग के पास बने घरों की बाउंड्रीवाल, अतिक्रमण में पाये जाने पर बुलडोजर से तोड़कर जगह को अतिक्रमण मुक्त कराया गया।
कार्यवाही पर उठ रहे सवाल
जिले के प्रशासनिक अमले द्वारा व्यस्ततम भटेरा मार्ग पर अतिक्रमण की कार्यवाही पर सवाल भी खड़े हो रहे है। सवाल दुकानदारों और घरों के रहवासियों के है, जिन पर अतिक्रमण का बुलडोजर चला है। लोगों का कहना है कि यदि एक लाईन से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है तो उस सीधी लाईन में आने वाले रहवासी घरों के अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया जा रहा है। अतिक्रमण कार्यवाही के दौरान वहां मौजूद आम लोगों में भी यह खासी चर्चा रही कि अतिक्रमण अमले द्वारा मुंह देखकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। बालाघाट हॉस्पिटल के सामने नाली के किनारे दुकान के सामने के हिस्से का ढहा दिया गया, जबकि उसी लाईन से सीधे नजर आने वाले स्थल को छोड़ दिया गया। जिससे लोगों के समझ में नहीं आ रहा है कि प्रशासन आखिरकार अतिक्रमण के नाम से किसी हटाने और किसे बचाने का काम कर रहा है।