भोजन बांटकर और धर्म कार्य स्वयं करें, भक्ति मोक्ष मार्ग में सहयोगी - सुवीरसागर

भोजन बांटकर और धर्म कार्य स्वयं करें, भक्ति मोक्ष मार्ग में सहयोगी - सुवीरसागर

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-30 08:30 GMT
भोजन बांटकर और धर्म कार्य स्वयं करें, भक्ति मोक्ष मार्ग में सहयोगी - सुवीरसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भोजन बांटकर और धर्म कार्य स्वयं करना चाहिए। यह उद्गार तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर के शिष्य आचार्य सुवीरसागर ने श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, तुलसीनगर में व्यक्त किए।  आचार्यश्री ने कहा कि कहा संसार चलाने और दुनिया में रहने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान सहायक बिंदू है। दुनिया में जैसे इन तीनों की आवश्यकता है वैसे संसार से पार होने के लिए सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चरित्र इन तीनों रत्नत्रय की आवश्यकता होती है। सम्यग्दर्शन को प्रकट करना चाहिए। आचार्य नेमीचंद्रस्वामी ने कहा रत्नत्रय आत्म द्रव्य को छोडकर अन्य द्रव्य में नही होता। आत्मा ही रत्नत्रय को धारण कर सकती है। शरीर साधना के लिए निमित्त है। अन्न का कण आहार दान में अपनी शुद्धि के लिए देते हैं। भगवान की भक्ति मोक्ष मार्ग नहीं, पर मोक्ष मार्ग में उदासीन रूप से सहयोगी है। 

आचार्य पूज्यपाद स्वामी ने इष्टोपदेश में कहा कि कार्य दो तरह के कारणों से होता है- उपादान कारण, निमित्त कारण। जो कारण स्वयं कार्य रूप परिणत हो जाता है, वह उपादान कारण होता है। उपादान कारण के सिवाय अन्य जो कारण कार्य रूप होने में सहायक होते हैं। वे निमित्त कारण होते हैं। जैसे खान में सोने का पत्थर तभी शुद्ध बनता है जब उसे सोना बनने योग्य आसपास के सहायक कारणों का संयोग मिलता है। खान में निकला हुआ स्वर्ण पाषाण उपादान कारण है और उसे शुद्ध करने वाला सुनार आदि निमित्त, कारण है। इसी तरह संसारी आत्मा भी शुद्ध परमात्मा तभी बनता है, जब उनको मुक्त होने के लिए द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव और भव के योग्य होेने में संसारी आत्मा उपादान कारण होता है। समस्त कारण मिलने पर ही शुद्ध आत्म स्वरूप की प्राप्ति होती है। 

 चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन सजग महिला मंडल ने किया। चरण प्रक्षालन डॉ. संतोष मोदी, कोमलचंद जैन, मंदिर कमेटी एवं जैन सेवा संघ ने किया। जिनवाणी भेट सजग महिला मंडल एवं दिनेश जैन ने की। परवार मंदिर के ट्रस्टी चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष पवन जैन कान्हीवाडा, महेश नायक, महामंत्री पंकज बोहरा, मंत्री जयमामू, कोषाध्यक्ष चंद्रकुमार चौधरी, विजय गब्बर जैन, हीराचंद मिश्रीकोटकर, प्रदीप काटोलकर,  ज्ञानोदय सेवा संघ के संजयकुमार नेताजी, जीतू जैन, आशीष जैन आदि उपस्थित थे । 
 

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