कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी स्थानीय शिकायत समिति के अघ्यक्ष एवं 3 सदस्यों के लिए आवेदन मांगे

कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी स्थानीय शिकायत समिति के अघ्यक्ष एवं 3 सदस्यों के लिए आवेदन मांगे

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-07-25 09:54 GMT
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डिजिटल डेस्क, जयपुर। कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी स्थानीय शिकायत समिति के अघ्यक्ष एवं 3 सदस्यों के लिए आवेदन मांगे जयपुर, 24 जुलाई। जिला कलक्टर श्री अंतर सिंह नेहरा ने बताया कि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम-2013 के अन्तर्गत गठित स्थानीय शिकायत समिति में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन के लिए सूचना विभागीय वेबसाईट wcd.rajasthan.gov.in एवं जिला कलक्ट्रेट की वेबसाइट पर अपलोड करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी अपना आवेदन 17 अगस्त को कार्यालय समय तक सदस्य सचिव,स्थानीय शिकायत समिति एवं उपनिदेशक,महिला अधिकारिता,जयपुर कमरा नम्बर 206, कलेक्टे्रट परिसर में प्रस्तुत कर सकते हैं। उपनिदेशक महिला अधिकारिता , जयपुर जिला कलक्टे्रट डॉ. राजेश डोगीवाल ने बताया कि अध्यक्ष पद हेतु के लिए सामाजिक कार्य के क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठित या उत्कृष्ट कार्य करने वाली कोई महिला अभ्यर्थी जिसे महिलाओ संबंधी मुद्दो पर कार्य का अच्छा अनुभव हो आवेदन सकती हैं। यह पद एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए है जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का वेतन अथवा मानदेय नहीं दिया जाएगा। डॉ. डोगीवाल ने बताया कि सदस्य के प्रथम पद के लिए जिले के ब्लॉक, तहसील, वार्ड, नगर निगम अथवा नगरपालिका क्षेत्र में कार्यरत महिला अभ्यर्थी द्वारा आवेदन किया जा सकता है। डॉ. डोगीवाल ने बताया कि अन्य दो सदस्यों के पद के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं से नामांकित दो प्रतिनिधि (जिनमें से एक महिला होना आवश्यक है, जिन्हें लैंगिक उत्पीडन से संबंधित मुद्दो पर विशेषज्ञता प्राप्त हो तथा अग्रांकित में से कोई सम्मिलित हो सकेगा। समाज कार्य के क्षेत्र में कम से कम 5 साल के अनुभव वाला कोई सामाजिक कार्यकर्ता जो महिलाओं के सशक्तीकरण तथा विशिष्टतया कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन की समस्या को दूर करने के लिए अनुकूल सामाजिक परिस्थितियों का सृजन करने का मार्ग प्रशस्त करता है। ऎसा व्यक्ति जिसे श्रम,रोजगार,सिविल या दांडिक विधि में अर्हता प्राप्त है। इन दो में से कम-से-कम एक प्रतिनिधि अनुसूचित जाति, जनजाति,अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय (समय-समय पर केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित) की महिला होनी आवश्यक है।

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