जमाखोरी की तो ऐसी कार्रवाई करेंगे की पीढ़ियां रखेंगी यादः अजित पवार 

जमाखोरी की तो ऐसी कार्रवाई करेंगे की पीढ़ियां रखेंगी यादः अजित पवार 

Anita Peddulwar
Update: 2020-03-24 13:12 GMT
जमाखोरी की तो ऐसी कार्रवाई करेंगे की पीढ़ियां रखेंगी यादः अजित पवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वालों को बेहद सख्त चेतावनी दी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट में अगर कोई जमाखोरी और मुनाफाखोरी करके पैसे कमाने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ ऐसा सख्त कानून लगाकर कार्रवाई की जाएगी कि उसकी आने वाली दो पीढ़ी याद रखेगी कि उसने क्या चूक की थी। 
अजित पवार ने कहा कि जरूरत पड़ी तो ऐसे लोगों को जेल में भेजने के लिए सरकार नहीं हिचकेगी। मंगलवार को मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कृपा करके कोई दुकानदार मास्क समेत अन्य जीवनावश्यक वस्तुओं की जमाखोरी न करे। दुकान में उपलब्ध माल नागरिकों को देने का प्रयास करें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जमाखोरी करने वाले इतने निचले स्तर पर कैसे गिर सकते हैं पैसा तो कभी भी कमाया जा सकता है। लेकिन एक बार किसी व्यक्ति की जान चली गई तो वह वापस नहीं आ सकती। यह बात सभी को समझ लेना चाहिए।

फिर सब्जी मंडी भी बंद कर देंगे
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कर्फ्यू लागू होने के बाद भी नई मुंबई, दादर, पुणे की सब्जी मंडी में भारी भीड़ नजर आ रही है। मुझे खेद से कहना पड़ रहा है कि सुशिक्षित वर्ग ही भीड़ कर रहा है।अगर ऐसे ही भीड़ जुटती रही तो फिर सरकार सब्जी मंडी भी बंद करना पड़ेगा। इसलिए मेरी सभी से हाथ जोड़कर अपील है कि सरकार के सामने यह नौबत नहीं आने दे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मनपा, नगर परिषद, नगर पंचायत क्षेत्रों में लोग सुबह 7 से 10 बजे सब्जी, दूध और फल समेत जीवनावश्यक वस्तुओं खरीद सके। इसके लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारी और विभागीय आयुक्त को उचित व्यवस्था करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि बाजार में खरीदारी के लिए भीड़ न लगाए। परिवार का कोई एक ही सदस्य खरीदारी के लिए निकले। 

पुलिस को समझ नहीं कि जीवनावश्यक सेवा क्या है
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कई जगहों से शिकायतें मिल रही हैं कि सड़कों पर जो दिख रहा है पुलिस उसको पीट रही है। पुलिस कई स्थानों पर जीवनावश्यक वस्तुओं से लदे ट्रकों को रोक रही है। अहमदनगर के श्रीगोंदा में अंगूर और मराठवाड़ा में संतरा को बाहर नहीं जाने दिया गया। पुलिस समझ नहीं पा रही है कि जीवनावश्यक सेवाएं क्या है। इससे सभी का नुकसान हो रहा है। वास्तव में जीवनावश्यकसेवाओं कि आपूर्ति करने वाले कर्मचारी, अधिकारी और व्यापारियों को इस तरह से परेशानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन कोई जानबूझकर कानून हाथ में लेने की कोशिश कर रहा है तो उसके खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने का अधिकार है। 

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