उमरिया में तेंदूपत्ता संग्राहकों की विकास निधि में 60 करोड़ से अधिक के हेरफेर का मामला

उमरिया में तेंदूपत्ता संग्राहकों की विकास निधि में 60 करोड़ से अधिक के हेरफेर का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-16 13:20 GMT
उमरिया में तेंदूपत्ता संग्राहकों की विकास निधि में 60 करोड़ से अधिक के हेरफेर का मामला

लीगल ओपीनियन लेने के बाद ही दोषियों पर होगी एफआईआर
डिजिटल डेस्क शहडोल
।उत्तर वन मंडल उमरिया में तेंदूपत्ता संग्राहकों की विकास निधि में हेरफेर करने के मामले में दोषियों के खिलाफ जल्द ही एफआईआर होगी। इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञों से सलाह (अभिमत) मांगा गया है। शहडोल वन वृत्त के सीसीएफ पीके वर्मा ने बताया कि 17 फरवरी को भोपाल में वन मंत्री की बैठक में शामिल होने के बाद उमरिया डीएफओ जबलपुर में विधि विशेषज्ञों से अभिमत लेकर आएंगे। फिर एफआईआर कराई जाएगी।  इस मामले के सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र विभाग को सीसीएफ की ओर से भेजा जा चुका है। लापरवाही बरतने वाले आईएफएस अधिकारी वासु कन्नौजिया, डीएस कनेश और एमएस भगादिया के खिलाफ विभागीय जांच का प्रस्ताव भेजा गया है। जिले में इन अधिकारियों की तैनाती के दौरान विकास निधि से 60.53 करोड़ रुपए फर्जी तरीके से निकाले गए। मप्र लघु वनोपज संघ ने शहडोल सीसीएफ पीके वर्मा को सभी पर एफआईआर करवाने के निर्देश भी दिए हैं।
सभी पर होगी एफआईआर
सीसीएफ पीके वर्मा ने बताया कि मामले में प्रथम दृष्टया चेक पर साइन करवाने वाला लिपिक, बैंक अधिकारी, सहकारी संस्थाओं के ऑडिटर और संबंधित डीएफओ दोषी हैं, लेकिन सीधे एफआईआर नहीं कर सकते हैं। लीगल ओपीनियन लेते हुए ही एफआईआर कराई जाएगी। जिनके खिलाफ एफआईआर होनी है, वे भी कानूनी रास्ता अपनाएंगे, इसलिए पहले अभिमत लेना जरूरी है। उमरिया में डीएफओ का पद खाली होने के कारण इस कार्य में विलंब हुआ है। अब डीएफओ आ गए हैं, तो जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। 
 

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