पत्नी से अनैसर्गिक संबंध बनाने के आरोपी पति के खिलाफ दर्ज मामला रद्द नहीं
पत्नी से अनैसर्गिक संबंध बनाने के आरोपी पति के खिलाफ दर्ज मामला रद्द नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवाद के चलते पत्नी के साथ अप्राकृत्तिक संबंध बनाने के आरोपी पति के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी पर जिन धराओं के तहत आरोप लगाए गए प्रथम दृष्टया उनमें अपराध के घटक नजर आते है। इसलिए आरोपी की याचिका को खारिज किया जाता है। मामले से जुड़े दंपत्ति वैवाहिक वेबसाइट के जरिए मिले थे। इसके बाद दोनों में प्रेम हुआ। फिर 30 अप्रैल 2017 को दोनों का विवाह हुआ। इसके बाद दोनों के बीच विवाद शुरु हो गया।
इसके बाद पत्नी ने अपने पति व उसक रिश्तेदारों के खिलाफ मुंबई के विलेपार्ले पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए,376,377,504,506 व 34 के तहत मामला दर्ज किया था। शिकायत में महिला ने दावा किया था कि विवाह से पहले भी उसके पति ने जबरन संबंध बनाए थे । उसने पति पर अनैसर्गिक संबंध बनाने का आरोप भी लगाया था। इस दौरान महिला ने ससुरालल में बुरा बरताव व बदसलूकी करने का आरोप भी सास पर लगाया था। शिकायत के मुताबिक उसे अपने घर से दहेज लाने के लिए भी कहा गया। सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि यह एफआईआर वैवाहिक विवाद के चलते दर्ज कराई गई है। इसलिए मामले को रद्द कर दिया जाए।
आरोप आधारहीन है।
वहीं सरकारी वकील ने एफआईआर का समर्थन किया और कहा कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। वहीं शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि आरोपियों पर काफी गंभीर आरोप है। इसलिए मामले से जुड़ी एफआईर को रद्द न किया जाए। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपियों पर लगाए आरोपों में अपराध के घटक नजर आते है। खडंपीठ ने कहा कि मामले से जुड़ी शिकायत में लगाए गए आरोप दर्शाते है कि वैवाहिक विवाद के बाद आरोपी(पति) ने शिकायतकर्ता के साथ लगातार अनैसर्गिक संबंध बनाए थे। इसलिए इस मामल में धारा 377 लगाई गई है।
खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता मामले को रद्द करने के लिए आधार पेश करने में विफल रहा है। जिसके आधार पर हम मामला रद्द करने के लिए अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सके। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।