सेंट्रल जीएसटी के आईटीसी को ब्लॉक किया गया

सेंट्रल जीएसटी के आईटीसी को ब्लॉक किया गया

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-23 10:12 GMT
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डिजिटल डेस्क ,नागपुर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के फेक इनवाइस बनाकर करोड़ों रुपए का जीएसटी क्रेडिट लेने (चोरी करने) के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को ब्लॉक कर दिया गया है। सिर्फ उन आईटीसी को ब्लॉक किया गया है जिनके अकाउंट में क्रेडिट था। हालांकि ब्लॉकिंग में भी पेंच फंसा हुआ है क्योंकि यह कार्रवाई वस्तु एवं सेवाकर अधिसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की नागपुर यूनिट की है ऐसे में वही सिर्फ केन्द्रीय जीएसटी के आईटीसी को ब्लॉक कर सकते है जबकि इस मामले में करीब आधे राज्य जीएसटी के मामले भी है। ऐसे में उनको ब्लॉक करने के लिए डीजीजीआई को सिस्टम की व्यवस्था का इंतजार बना हुआ है।

यह है मामला
नागपुर और विदर्भ में आयरन स्टील (लोहा), एल्युमिनियम स्क्रैब, गैस चेंबर और ऑर्डिनेंस फैक्टरी के लिए सामान बनाने वाली करीब 12 कंपनियां, मुंबई में हाईड्रो कार्बन गैस बनाने वाली कंपनी एवं औरंगाबाद-नाशिक में आयरन स्टील बनाने वाली करीब 40 कंपनियां ऐसी कुल 58 कंपनियों पर वस्तु एवं सेवाकर अधिसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने बड़ी कार्रवाई की। मामले में खुलासा हुआ कि मुंबई की कंपनी ने करीब 107 करोड़ रुपए और नागपुर व विदर्भ की कंपनियों ने करीब 15 करोड़ का क्रेडिट लिया है।

हजारों ट्रांजेक्शन में से प्रत्येक ट्रांजेक्शन को ई-वे बिल पोर्टल पर उनकी जांच की गई जिसमें सामने आया कि कंपनियों ने फर्जी कंपनियों के माध्यम से उनके इनवाइस पर जीएसटी वसूल की, जबकि किसी भी प्रकार की सामग्री का क्रय-विक्रय नहीं किया था। पूछताछ में जिम्मेदार लोगों ने बताया कि ज्यादातर प्रकरण में लोगों को छोटी रकम देने का लालच दिया गया जिसके बदले में उनसे अपने नाम पर प्रोप्राइटरशिप फर्म और पार्टनरशिप फर्म को खाेलने की स्वीकृति मांगी। इसका उद्देश्य फेक इनवाइस के माध्यम से जीएसटी का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा सके। इतना ही नहीं सामान भेजने के िलए फर्जी वाहन दिखाए गए जो दुपहिया और तीनपहिया या अस्तित्व में ही नहीं है।

यह है आंकड़ों की स्थिति
राज्यभर में 58 कंपनियों के करीब 75 स्थानों की जांच की गई, जिसमें 10 हजार से अधिक फेक इनवाइस बनाकर 825 करोड़ रुपए का व्यवसाय दिखाकर 148 करोड़ रुपए की चोरी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) होने की पुष्टि हुई है। इसमें 80 जिम्मेदार लोगों से करीब 140 स्टेटमेंट लिए गए और 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ फरार हैं।

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