मुख्य सचिव ने की एनएचएआई परियोजनाओं की समीक्षा अमृतसर-जामनगर व दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के लम्बित कार्यों को दें सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्य सचिव ने की एनएचएआई परियोजनाओं की समीक्षा अमृतसर-जामनगर व दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के लम्बित कार्यों को दें सर्वोच्च प्राथमिकता

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-01-20 07:29 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, जयपुर। मुख्य सचिव ने की एनएचएआई परियोजनाओं की समीक्षा अमृतसर-जामनगर व दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के लम्बित कार्यों को दें सर्वोच्च प्राथमिकता -मुख्य सचिव। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि प्रदेशभर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को राजस्व, वन एवं पर्यावरण, ऊर्जा तथा नगरीय विकास विभाग के अधिकारी शीघ्र निस्तारित करें। श्री आर्य मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी की बैठक में एनएचएआई की अमृतसर-जामनगर एवं दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर तथा प्राधिकरण के माध्यम से चल रही अन्य परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेशभर में 3 हजार 171 किलोमीटर तथा 46 हजार 789 करोड़ रूपये लागत के करीब 51 राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य प्रगति पर हैं। वहीं राजस्थान में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे का 11 हजार 387 करोड़ रूपये की लागत से 637 किलोमीटर तथा दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का 11 हजार 204 करोड़ रूपये की लागत से 374 किलोमीटर लम्बाई में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण होगा। श्री आर्य ने हनुमानगढ़ तथा जालोर जिले के जिला कलक्टरों के लिए निर्देश दिए कि वे इन जिलों में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे से जुड़े भूमि अवाप्ति के लम्बित प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ शीघ्र निस्तारित करें। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को सिरोही तथा जालोर जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए एक सीधा राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाने की सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए। सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव ने बताया कि अमृतसर-जामनगर एवं दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर सम्बंधित जिला कलक्टरों से निरंतर संवाद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अवाप्त भूमि की मुआवजा राशि के वितरण, भूमि अवाप्ति तथा वन्य भूमि डायवर्जन सम्बंधित मुद्दों की भी सतत निगरानी जारी है। बैठक में प्रमुख सचिव, राजस्व श्री आनंद कुमार, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्रीमती श्रेया गुहा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवासन श्री भास्कर सावंत तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (एनएच) श्री डीआर मेघवाल तथा एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक श्री एमके जैन भी उपस्थित थे।

Similar News