अस्पताल की बड़ी लापरवाही, कंडकड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे मासूम का जन्म

अस्पताल की बड़ी लापरवाही, कंडकड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे मासूम का जन्म

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-19 07:47 GMT
अस्पताल की बड़ी लापरवाही, कंडकड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे मासूम का जन्म

डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। इलाज में हो रही लापरवाही एवं कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे दुव्र्यवहार से मरीज के परिजन इतने व्यथित हो गए कि उन्हें आधी रात को  20 वर्षीय गर्भवती को लेकर कड़कड़ाती ठंड में अस्पताल से निकलने के लिए विवश होना पड़ा  । इस दौरान पारा तीन और चार डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ था। अस्पताल से बिना किसी साधन के निकले परिजनों ने पैदल घर की ओर कूच किया और लगभग तीन किलोमीटर का रात्रि में सफर करने के बाद दो स्थानों पर विश्राम लिया, लेकिन प्रसव पीड़ा अधिक होने के कारण उन्हें तीन किलोमीटर दूर मण्डला बायपास पर एक खुले मैदान में रूकना पड़ा। जहां दर्द से छटपटा रही महिला को दर्द से राहत दिलाने परिजनों ने रात में ही आसपास के घरों में दस्तक दी और महिला के पेट पर राई का तेल भी मला। इस दौरान वे उसे लेकर अस्पताल तो नहीं आए, लेकिन सुबह आठ बजे प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया। जिसके बाद पुन: स्थानीय लोगों की सहायता से महिला और उसके बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां दोनों स्वस्थ्य बताए गए है।
किसलपुरी से शुरू हुई लापरवाही
जानकारी के अनुसार प्रसव पीड़ा होने के बाद महिला को परिजन चमन बाई बैगा (सास), फूल सिंह बैगा (ससुर) व एक अन्य महिला मेहंदवानी विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम चूल्हे पानी से 108 में किसलपुरी पहुंची। जहां जांच के बाद बच्चे द्वारा मल पी लिए जाने और उसे मृत घोषित करने के उपरांत वहां से जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। रात 12 बजे करीब जिला चिकित्सालय पहुंचे परिजनों ने उसे भर्ती कराया, लेकिन यहां भी लापरवाही का सामना उन्हें करना पड़ा और ऐसे हालात में जबलपुर रेफर किए जाने की बात वहां मौजूद नर्सो द्वारा कही जाती रही। जिसके बाद दर्द से छटपटा रही महिला को देखते हुए सास और ससुर ने जोखिम भरा कदम उठाया और रात तीन बजे अस्पताल से उसे पैदल लेकर निकल गए। यहां अस्पताल से निकलने के दौरान न उन्हें किसी ने रोका और न ही उनकी हिफाजत के लिए कोई व्यवस्था की।
मारपीट का भी आरोप
इधर जिला अस्पताल में पुन: भर्ती होने के उपरांत प्रसूता महिला के परिजन चमन बाई ने आरोप लगाते हुए कहा है कि रात में उसे रेफर किए जाने और इलाज न होने पर जब मौजूद ड्यूटी नर्स से बोला गया तो उसने  झिड़का और एक चपट भी लगा दी। इन बैगा परिवार ने इसकी कोई रिपोर्ट तो नहीं की, लेकिन वे बालक के होने से सारी बाते भूलकर देखभाल में लगे हुए है।
इनका कहना है
प्रसव पीड़ा से छटपटा रही महिला को लेकर अस्पताल प्रशासन में कहां चूक हुई है और क्या लापरवाही हुई है इसका पता लगाकर संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ आर.के.मेहरा, सीएमएचओ डिण्डौरी

 

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