चिंकारा के शिकारियों को तीन साल की सजा, गोदावल रेंज में हुआ था शिकार

चिंकारा के शिकारियों को तीन साल की सजा, गोदावल रेंज में हुआ था शिकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-19 07:54 GMT
चिंकारा के शिकारियों को तीन साल की सजा, गोदावल रेंज में हुआ था शिकार

डिजिटल डेस्क शहडोल । गोदावल रेंज चिंकारा शिकार मामले में तीन आरोपियों को तीन-तीन साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। मामला तीन साल पुराना है। आरोपियों ने भरमार बंदूक से चिंकारा का शिकार किया था। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी राकेश कुमार पाटीदार ने सजा सुनाई।

एडीपीओ एवं मीडिया सेल प्रभारी नवीन कुमार वर्मा के मुताबिक 10 अगस्त 2015 को मुखबिर की सूचना पर वन परिक्षेत्राधिकारी सीता जामरा ग्राम धनेड़ा पहुंची थीं। उन्होंने राम सुंदर सिंह गोंड के यहां अवैध शिकार के संबंध में पूछताछ की। पूछताछ में पाया गया कि भरमार बंदूक से छिरहटी नामक जंगल में एक चिंकारा का शिकार किया गया था। शिकारी जंगल में ही मांस का कुछ भाग भूनकर खा गए थे, जबकि बचे हुए हिस्से को तीन हिस्सों में कर अपने-अपने घर ले गए थे।

जांच के दौरान रामसुंदर के घर में मांस को पकते हुए पाया गया। विवेचना पर अभियुक्त के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाकर अभियोग पत्र कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने तीनों आरोपियों रामसुंदर सिंह गोंड पिता श्याम लाल, नरेश सिंह पिता गजाधर तथा सुख लाल अगरिया पिता जग्गू सभी निवासी धनेड़ा को वन्यप्राणी अधिनियम की धारा 51 में तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
 

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