चूरूः सफलता की कहानी खिल उठा डाली का दिल

चूरूः सफलता की कहानी खिल उठा डाली का दिल

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-07-24 09:03 GMT
चूरूः सफलता की कहानी खिल उठा डाली का दिल

डिजिटल डेस्क, चूरूः सफलता की कहानी खिल उठा डाली का दिल, अब थोड़ी सी मेहनत से नहीं बढ़ेगी दिल की धड़कन आरबीएसके टीम ने करवाया डाली का जयपुर में निःशुल्क दिल का ऑपरेशन जयपुर, 23 जुलाई। बच्चों के साथ खेलने की उम्र में 12 वर्षीय डाली के सपनों को दिल की बीमारी ने साकार होने से पहले ही रोक दिया। महज थोड़ी सी मेहनत बाद ही डाली थककर चकनाचूर हो जाती। चूरू जिले की रतनगढ तहसील के भावनदेसर के खेतीहर श्रमिक परमाराम की बारह साल की बेटी डाली जब भी स्कूल मे खेलना कूदना चाहती तो दिल हांफ जाता, थकान महसूस होती और ऎसा बहुत समय से चला आ रहा था। परिवार के सदस्यों ने सामान्य बीमारी मान कर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। आरसीएचओ डॉ. सुनील जांदू ने बताया कि गांव के राजकीय स्कूल में डाली छठीं कक्षा में पढ़ती हैं। गांव के स्कूल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत रतनगढ़ टीम के डॉ. प्रियंका की ओर से शिविर लगाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई। स्वास्थ्य जांच में डाली हृदय रोग की गंभीर बीमारी से ग्रसित पाई गई। टीम ने बालिका की जांच कर उसके परिवार के सदस्यों को अवगत करवाया। बाद में उसे चूरू के आरबीएसके टीम की ओर से बनाये गये डीआईसी सेंटर पर भेजा गया। डीआईसी प्रबंधक श्री बिजेन्द्र भाटी ने चूरू के शिशु रोग विशेषज्ञ से बालिका डाली की ईको जांच करवाई गई। जांच में बालिका के हृदय रोग की पुष्टि हुई। दिल की बीमारी की बात सुनते ही परिवार के सदस्य भी चिंताग्रस्त हो गये। खेतीहर मजदूरी कर परिवार का पालन कर रहे लोगों के लिये दिल का उपचार करवाने के लिये राशि की व्यवस्था करना मुश्किल बन गया। इस दौरान आरबीएसके के तहत बालिका का जयपुर के अपेक्स हास्पिटल में 22 जुलाई को निःशुल्क हृदय रोग का उपचार करवाया गया। उपचार पर करीब डेढ़ लाख का खर्चा हुआ, जिसे आरबीएसके की ओर से वहन किया गया। उपचार के बाद बालिका के पिता ने टीम के सदस्यों के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का आभार जताया कि गांव के दूरदराज में बैठे लोगों के लिये यह टीम वरदान बनके आई है। चूरू जिले की आरबीएसके के तहत जुलाई माह में यह चौथी सर्जरी है।

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