तीन बार भर्ती हुई पत्नी पर एक बार भी सेटल नहीं किया क्लेम..!

तीन बार भर्ती हुई पत्नी पर एक बार भी सेटल नहीं किया क्लेम..!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-14 11:12 GMT
तीन बार भर्ती हुई पत्नी पर एक बार भी सेटल नहीं किया क्लेम..!

डिजिटल डेस्क जबलपुर । विपरीत परिस्थितियों में बीमा पॉलिसी काम आएगी, इस उद्देश्य के साथ आम आदमी अपना हेल्थ इंश्योरेंस कराता है, पर जरूरत के समय हेल्थ बीमा कंपनियाँ अपने हाथ खड़े कर रही हैं। पीडि़तों का आरोप है कि एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार अस्पताल में कैशलेस नहीं हुआ। बीमा क्लेम के लिए कंपनी में आवेदन दिया लेकिन आज तक उसका निराकरण नहीं किया गया है। पॉलिसी धारक महीनों से बीमा कंपनियों के चक्कर लगा रहे हैं और सारे बिल भी बीमा कंपनी को उपलब्ध करा दिए गए, पर क्लेम सेटल करने किसी तरह की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। बीमा कंपनियाँ आम लोगों के साथ धोखा कर रही हैं और जिम्मेदार विभाग इस पर किसी तरह का एक्शन नहीं ले रहे हैं। बीमा कंपनियों से परेशान लोग अब न्यायालय में जाने की तैयारी कर रहे हैं। कोरोना कवच के नाम से आम लोगों को बीमा पॉलिसी बेची गई पर उसका भी भुगतान कंपनी नहीं कर रही है।
बीमा से संबंधित समस्या बताएँ इन नंबरों पर
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
मैक्स बूपा ने कोरोना कवच पॉलिसी बेची पर क्लेम नहीं दिया आज तक
स्नेह नगर निवासी मुकेश जैन ने बताया कि उन्होंने परिवार के सदस्यों की अलग-अलग पाँच पॉलिसी मैक्स बूपा इंश्योंरेस कंपनी से ली थी। यह कोरोना कवच के नाम से बीमा कंपनी ने बेची थी। ऑनलाइन पूरा भुगतान किया गया था। मुकेश जैन का कहना है कि उनकी बेटी मनाली 23 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित हो गई थी। 15 दिनों तक इलाज घर पर ही निजी चिकित्सक की सलाह पर चला। सारे टेस्ट निजी अस्पताल से कराए गए थे। दवाइयाँ भी दवा दुकानों से खरीदी गई थीं। उसके बाद हमारे द्वारा बीमा कंपनी को क्लेम किया गया तो उक्त पॉलिसी नॉट फाउंड बता रही है। कंपनी में संपर्क किया गया तो वहाँ के जिम्मेदार कोरोना संक्रमण का बहाना मारते रहे। लगातार संपर्क करने के बाद ऑनलाइन बिल सबमिट करने की बात की गई। ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रकार से बिल सबमिट नहीं हुए, तो बिल ऑफिस में जाकर जमा किए गए पर किसी तरह का सहयोग बीमा कंपनी के द्वारा नहीं दिया जा रहा है। पीडि़त का कहना है कि टोल-फ्री नंबर पर भी कंपनी के अधिकारियों द्वारा सही जवाब नहीं दिया जा रहा है।
यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी तीन साल से नहीं कर रही बिल सेटल
लंबे समय से हमारे परिवार का यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा चल रहा है। बीमा कंपनी से हमें जब सहयोग लेना पड़ा तो किसी तरह की मदद नहीं मिली। यह आरोप शिक्षक कॉलोनी निवासी अजय नेमा ने लगाते हुए बताया कि मेरी पत्नी ममता का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनका मेट्रो अस्पताल, जौहरी अस्पताल में इलाज कराया गया। जौहरी अस्पताल में दो बार भर्ती कराना पड़ा। दोनों अस्पतालों में जब भी बीमा कंपनी से कैशलेस कराना चाहा तो कैशलेस नहीं हुआ। श्री नेमा का कहना है कि वर्ष 2019 से लगातार पत्नी के इलाज का बिल बीमा कंपनी को दिया जा रहा है पर बीमा कंपनी हमें किसी तरह से सहयोग नहीं दे रही है, जब भी बीमा कंपनी से संपर्क किया जाता है, वहाँ से किसी तरह का उत्तर हमें नहीं मिल रहा है। विजय नगर स्थित उनके ऑफिस भी कई बार होकर आ चुका हूँ पर हमारा क्लेम सेटल नहीं किया गया। टोल-फ्री नंबर पर फोन रिसीव करने वाले कंपनी के प्रतिनिधि तथा कंपनी के मैनेजर से भी कई बार बात की पर वे हमेशा टालने का काम कर रहे हैं। बीमा कंपनी तीन साल से परेशान करती आ रही है।
इनका कहना है
टेक्नीकल फॉल्ट आने के कारण मुकेश जैन की कोरोना कवर पॉलिसी का क्लेम सेटल नहीं हो पा रहा है। हमारे द्वारा जल्द ही मुकेश जैन से संपर्क कर उनके बीमा क्लेम का प्रकरण सेटल कर दिया जाएगा।
-नितिन ताम्रकार, ब्रांच मैनेजर मैक्स बूपा इंश्योंरेस कंपनी
 

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