हाईटेंशन लाइन से प्रभावित क्षेत्र में झोपड़पट्टी को राहत देने समिति गठित

हाईटेंशन लाइन से प्रभावित क्षेत्र में झोपड़पट्टी को राहत देने समिति गठित

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-19 07:39 GMT
हाईटेंशन लाइन से प्रभावित क्षेत्र में झोपड़पट्टी को राहत देने समिति गठित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिजली की हाईटेंशन लाइन से प्रभावित क्षेत्र में झोपड़पट्टी को राहत देने के आदेश के बाद मनपा के उपायुक्त राजेश मोहिते की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। समिति इस मामले में ग्रस्त व्यक्ति की सुनवाई कर रिपोर्ट न्यायालय के सामने रखेगी।

क्या संभावनाएं हैं
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने आदेश दिया था कि बिजली की हाईटेंशन लाइन के नीचे की संपत्ति को हटाएं, इससे जनहानि हो सकती है। न्यायालय के आदेश पर मनपा ने ऐसी संपत्ति को तोड़ने की कार्रवाई आरंभ की। सोमवार को सुनवाई में न्यायालय ने कहा कि झोपड़पट्टियों को बचाने के लिए क्या संभावनाएं हैं? हाईटेंशन लाइन को भूमिगत कर सकते हैं क्या? झोपड़पट्टीधारकों को किस नियम के आधार पर लाभ मिल सकता है? न्यायालय के आदेश के बाद मामले में मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर की अध्यक्षता में  बैठक हुई, जिसमें उपायुक्त राजेश मोहिते, सहायक संचालक (नगर रचना) प्रमोद गावंडे, बिजली वितरण कंपनी के मुख्य अभियंता दिलीप घुगल, अधीक्षक अभियंता दिलीप दोडके, मनपा के कार्यकारी अभियंता राजेंद्र राहाटे, मनपाचे विधि अधिकारी व्यंकटेश कपले उपस्थित थे।

स्लम विभाग से रिपोर्ट लें
बैठक में आयुक्त ने कहा कि 11 और 13 केवी से प्रभावित क्षेत्रों में आने वाले घरों की सूची, उनके लिए न्यायालय ने क्या सुझाव िदए हैं उसकी रिपोट दें। यदि हाईटेंशन लाइन को भूमिगत किया जाता है, तो उस पर कितना खर्च आएगा? झोपड़पट्टी क्षेत्र में ऐसी हाईटेंशन लाइन के नीचे आने वाले लाभार्थियों की सूची, क्या उनके पास,  नक्शा पास है? किस नियम के अनुसार संपत्ति का संरक्षण किया जा सकता है? ऐसे कितने घर हैं जिनके कुछ हिस्से को तोड़कर उनकी संपत्ति बचाई जा सकती है। इसके लिए एक रिपोर्ट स्लम विभाग से लें।

समिति करेगी सुनवाई
जो भी बाधित व्यक्ति मनपा से संपर्क करेगा, ऐसे लोगों के िलए मनपा आयुक्त ने उपायुक्त मोहिते की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। समिति में मनपा के नगर रचना विभाग, स्लम विभाग, बिजली वितरण कंपनी सभी का एक-एक सदस्य शामिल है। यह समिति सभी संभावनाओं की जांच कर सुनवाई करेगी।

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