20 लाख भी ले लिए और नहीं दिया मक्का का बीज, किसान हो रहे परेशान

20 लाख भी ले लिए और नहीं दिया मक्का का बीज, किसान हो रहे परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-10 07:43 GMT
20 लाख भी ले लिए और नहीं दिया मक्का का बीज, किसान हो रहे परेशान

डिजिटल डेस्क, कटनी। किसानों को लुभाने के लिए राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। खेती को बढ़ावा देने खजाना खोलने के दावे किए जा रहे हैं पर इन दावों में कितनी सच्चाई है यह किसानों से बेहतर कोई नहीं जानता है। कटनी जिले के तेवरी क्षेत्र मक्का की खेती के लिए पहचाना जाता है। यहां का स्वीटकार्न भुट्टा देश के अनेक राज्यों में अपने स्वाद से लोकप्रिय हो रहा है। मक्के की खेती करने वाले किसानों को शासन ने दो साल से मदद बंद कर दी। कुछ समय तक स्वीकार्न मक्का का उन्नत बीज अनुदान पर किसानों को दिया जाता था, दो साल से वह भी बंद हो गया।

कृषि विभाग ने एक कंपनी को स्वीटकार्न बीज के लिए 20 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया, लेकिन ऐनवक्त पर कंपनी ने बीज की सप्लाई करने से ही इंकार दिया। तेवरी क्षेत्र में गर्मियों के मौसम में लगभग ढाई हजार एकड़ में स्वीटकार्न मक्का की खेती होती है। यहां के किसान उन्नत तरीके से खेती करते और भरी गर्मी में जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तब उनके खेत मक्का की फसल से लहलहाते देखे जा सकते हैं।

दो साल से नहीं मिला अनुदान
लिंगरी के कुंज बिहारी हल्दकार के अनुसार दो साल से अनुदान पर मक्का का बीज नहीं दिया जा रहा है। पिछले साल भी अनुदान वाला बीज नहीं मिला था। बाजार से ढाई से तीन हजार रुपए प्रतिकिलो की दर से बीज खरीदना पड़ता है। महंगा होने एवं फसल के विक्रय के लिए मार्केटिंग नहीं होने से वे इस साल आधा एकड़ में ही स्वीटकार्न की खेती कर रहे हैं। इसी तरह की समस्या तेवरी के पुरुषोत्तम ठाकुर ने भी बताई।

सप्लाई कर दिया इंकार
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एनएससी कंपनी को 800 किलोग्राम स्वीटकार्न बीज के लिए आर्डर दिया गया था। बीज की राशि 20 लाख रुपए का भुगतान लेने के बाद कंपनी ने बीज सप्लाई से इंकार कर दिया। अब विभाग के पास इतना समय भी नहीं बचा है कि वह किसी अन्य कंपनी से उन्नत बीज खरीद सके। क्योंकि स्वीटकार्न की बोवनी अप्रैल माह में शुरू हो जाती है। वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी राजकिशोर चतुर्वेदी के अनुसार तेवरी क्षेत्र के किसानों ने अपनी मेहनत के बल पर मक्का की खेती में पहचान बनाई है। अनुदान पर उन्नत बीज नहीं मिलने से किसान खेती से पीछे हटने लगते हैं, क्योंकि ढाई से तीन हजार रुपए प्रति किलो का बीज खरीदकर जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।

इनका कहना है
एनएससी कंपनी को स्वीटकार्न मक्का के उन्नत बीज के लिए आर्डर दिया था। कंपनी से 800 किलोग्राम बीज मंगाया था, लेकिन कंपनी ने सप्लाई करने से इंकार कर दिया। यह बीज किसानों को अनुदान पर दिया जाना था। अब चूंकि चुनाव की आचार संहिता भी लग चुकी है और इतने कम समय में किसी अन्य कंपनी से बीज खरीदना भी संभव नहीं है।
- ए.के.राठौर, उप संचालक कृषि

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