हाईकोर्ट पहुंचा विधायक तोडसाम की दो पत्नियों का विवाद, दायर हुई याचिका

हाईकोर्ट पहुंचा विधायक तोडसाम की दो पत्नियों का विवाद, दायर हुई याचिका

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-27 10:40 GMT
हाईकोर्ट पहुंचा विधायक तोडसाम की दो पत्नियों का विवाद, दायर हुई याचिका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल के आर्णी के भाजपा विधायक राजू तोडसाम की दूसरी पत्नी प्रिया तोडसाम ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है। तोडसाम की पहली पत्नी अर्चना तोडसाम ने प्रिया के खिलाफ पांढरकवड़ा पुलिस थाने में भादवि 279, 294 506 और प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट 3 (2) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। प्रिया तोडसाम ने नागपुर खंडपीठ में फौजदारी रिट याचिका दायर कर इस एफआईआर को खारिज करने की प्रार्थना की है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी राज्य सरकार, पुलिस और अर्चना तोडसाम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तब तक याचिकाकर्ता के खिलाफ चार्जशीट न प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. रजनीश व्यास और एड. अनिरुद्ध अनंतकृष्णन ने पक्ष रखा। 

दो पत्नियों से जुड़ा है विवाद
यह सारा विवाद विधायक तोडसाम की दो पत्नियों से जुड़ा है। पुलिस में अर्चना तोडसाम द्वारा दर्ज कराए गए मामले के अनुसार 12 फरवरी 2019 को अर्चना तोडसाम एक कबड्डी प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह से लौट रही थी। उनकी गाड़ी जब पांढ़रकवड़ा के पास पहुंची, तो पीछे से आ रही राजू और प्रिया तोडसाम की गाड़ी ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी। इसी बात पर उनका प्रिया तोडसाम से विवाद हुआ। अर्चना का आरोप है कि उन्हें प्रिया तोडसाम ने पीटा और जातिवाचक गालियां भी दीं। इधर प्रिया तोडसाम का पक्ष अलग है। उनका दावा है कि इस घटना के बाद 12 मार्च को यवतमाल पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्हें बताया गया था कि अर्चना तोडसाम ने कुछ लोगों के साथ मिलकर उन्हें सरेआम पीटा और धमकाया। इस घटना का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल भी किया गया। उन्होंने पहले ही अंदेशा जताया था कि उनके खिलाफ अर्चना एफआईआर करा सकती है, लेकिन एसपी ने इस ज्ञापन पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में प्रिया ने मामले की जांच सीबीआई, सीआईडी या किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने की प्रार्थना की है।

इंटरनेट से हटाया जाए कंटेंट
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया है कि जब उनकी पिटाई हो रही थी। तब वहां मौजूद लोगों ने वीडियोग्राफी कर ली और इसे यूट्यूब, फेसबुक और गूगल पर अपलोड कर दिया। इससे उनकी बदनामी हुई है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से प्रार्थना की है कि वे इंटरनेट पर प्रसारित उनसे जुड़े कंटेंट को हटाने के आदेश जारी करें। मामले में यू-ट्यूब, फेसबुक और गूगल को भी प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता के अनुसार इंटरनेट पर क्या वीडियो अपलोड हो रहे हैं, इससे किसी महिला की बदनामी हो रही है, तो इसके नियंत्रण के लिए एक नीति होनी चाहिए। मामले में यू-ट्यूब, फेसबुक और गूगल को भी नोटिस जारी हुआ है। 

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