रजहा तालाब गहरीकरण में हुआ भ्रष्टाचार -जांच करने सिंहपुर पहुंचे संभागायुक्त

रजहा तालाब गहरीकरण में हुआ भ्रष्टाचार -जांच करने सिंहपुर पहुंचे संभागायुक्त

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-13 09:10 GMT
रजहा तालाब गहरीकरण में हुआ भ्रष्टाचार -जांच करने सिंहपुर पहुंचे संभागायुक्त

डिजिटल डेस्क शहडोल । नजदीकी गांव सिंहपुर स्थित रजहा तालाब के गहरीकरण कार्य में भारी अनियमितता हुई है। करीब 72 लाख की लागत से सिर्फ गहरीकरण का कार्य होना था, इसके बाद भी पूरे तालाब का गहरीकरण नहीं किया गया। आधे-अधूरे कार्य को ही पूर्ण बताकर पूरी राशि निकाल ली गई। यह जानकारी मामले की जांच करने पहुंचे कमिश्नर आरबी प्रजापति के सामने आई है। कमिश्नर ने मामले की विस्तृत जांच कराने की बात कही है। कमिश्नर तालाब गहरीकरण और सौंदर्यीकरण में हुई अनियमितता संबंधी शिकायत की जांच के लिए गुरुवार को सिंहपुर पहुंचे थे। उनके साथ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के एसई एपी सिंह, ईई श्री धुर्वे और जिला खनिज अधिकारी फरहत जहां भी मौजूद थीं। इस दौरान कमिश्नर ने तालाब के किनारे बैठकर शिकायतकर्ताओं के साथ चर्चा की। शिकायतकर्ता अमरेंद्र तिवारी ने बताया कि तालाब के कार्यों में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है। गहरीकरण के नाम पर सिर्फ भीट पटाई कराई गई है। गौरतलब है कि तालाब में करीब 72 लाख की लागत से गहरीकरण का कार्य किया गया है। इसमें 64 लाख रुपए डीएमएफ से और 8 लाख 29 हजार रुपए मनरेगा से खर्च किए गए हैं। इसके अलावा करीब 70 लाख रुपए की लागत से तालाब के किनारे सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ है। यह राशि पर्यटन विकास निगम के माध्यम से जारी की गई थी।  
मजदूरों को नहीं किया भुगतान
कमिश्नर को बताया गया कि गहरीकरण का अधिकतर कार्य जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर के माध्यम से किया गया है। भीट पटाई के कार्य ही मजदूरों से कराए गए हैं। इसके लिए भी जोधपुर और मझगवां के मजदूर लगाए गए थे। सिंहपुर के काफी कम संख्या में मजदूर लगाए गए और उनको भी पूरा भुगतान नहीं किया गया है। इस बीच कमिश्नर ने मौके पर ही कार्य के दौरान हुए भुगतान और मस्टररोल का भी निरीक्षण किया। 
100 से अधिक पेड़ काटे
गांव के लोगों ने बताया कि तालाब में जिस तरफ गहरीकरण का कार्य किया गया है, वहां मेढ़ पर 100 से अधिक बबूल के पेड़ लगे हुए थे। कार्य के दौरान पूरे पेड़ काट लिए गए और उसकी लकड़ी संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार ने मिलीभगत कर बेच डाली। कमिश्नर ने गांव के मजदूरों को बुलवाकर भी इस संबंध में जानकारी ली। यह भी बताया गया कि पूरे कार्य में अपने चहते ठेकेदार के माध्यम से ही कराए गए हैं। 
52 लाख मटेरियल, 7 लाख मजदूरी भुगतान 
मौके पर मौजूद आरईएस विभाग के अधिकारियों से जब कमिश्नर से मजदूरी के भुगतान के संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि 52 लाख रुपए मटेरियल का भुगतान किया गया है और सात लाख रुपए लेबर पेमेंट हुआ है। कमिश्नर ने जब पूछा किया तालाब गहरीकरण में क्या मटेरियल भुगतान हुआ, तब ईई ने बताया कि जेसीबी और ट्रैक्टर आदि के लिए किया गया भुगतान इसमें शामिल है। कमिश्नर ने कहा कि तालाब में कहीं भी पक्का निर्माण किया गया है तो अधिकारियों बताया कि गहरीकरण के कार्य में कहीं भी पक्का निर्माण नहीं किया गया है। इस बीच कमिश्नर ने देखा कि नालाब में जलभराव के लिए जो पाइप डाले गए थे वह बह गए हैं। 
इनका कहना है 
 जांच के दौरान प्रथम दृष्टया तो गड़बड़ी मिली है, लेकिन इसकी विस्तृत जांच कराने की जरूरत है। मामला गंभीर है, इसकी विस्तृत रूप से तथ्यपरक जांच कराई जाएगी। इसके बाद जो सामने आएगा उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। 
आरबी प्रजापति, कमिश्नर
 

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