बीएड में गलत तरीके से प्रवेश देने पर सागर यूनिवर्सिटी पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट

बीएड में गलत तरीके से प्रवेश देने पर सागर यूनिवर्सिटी पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट

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Update: 2019-09-17 08:36 GMT
बीएड में गलत तरीके से प्रवेश देने पर सागर यूनिवर्सिटी पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विशाल धगट की युगल पीठ ने बीएड में गलत तरीके से प्रवेश दिए जाने के मामले में सागर यूनिवर्सिटी पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है। कॉस्ट की राशि हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने का आदेश दिया गया है। युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी कॉस्ट की राशि एकेडमिक प्रोग्राम समिति के सदस्यों से वसूली कर सकती है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा गया है कि जिन 2 हजार छात्रों के प्रवेश निरस्त किए गए है, वे मुआवजे के लिए प्रकरण दायर कर दावा कर सकते है। 
सागर यूनिवर्सिटी ने बीएड में स्वनिर्मित काउंसलिंग के जरिए प्रवेश दिया
नर्मदा शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि एनसीटीई और उच्च शिक्षा विभाग में बीएड में प्रवेश के लिए एमपी ऑनलाइन के जरिए केन्द्रीयकृत काउंसलिंग की प्रक्रिया निर्धारित की है। इस प्रक्रिया को दरकिनार कर सागर यूनिवर्सिटी द्वारा बीएड में स्वनिर्मित काउंसलिंग के जरिए प्रवेश दिया गया। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सागर यूनिवर्सिटी ने बीएड के लगभग दो हजार छात्रों के प्रवेश निरस्त कर दिए थे। अधिवक्ता मुकुंददास माहेश्वरी और समरेश कटारे ने तर्क दिया कि सागर यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट की रोक के बाद भी बीएड में गलत तरीके से प्रवेश देना जारी रखा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बीएड में गलत तरीके से प्रवेश देने के लिए सागर यूनिवर्सिटी पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है।
 

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