लंदन के बाद नागपुर में ही है नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, लागत 30 करोड़ बढ़ी फिर भी काम आधा-अधूरा

लंदन के बाद नागपुर में ही है नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, लागत 30 करोड़ बढ़ी फिर भी काम आधा-अधूरा

Tejinder Singh
Update: 2019-01-08 12:33 GMT
लंदन के बाद नागपुर में ही है नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, लागत 30 करोड़ बढ़ी फिर भी काम आधा-अधूरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लंदन के बाद अकेले महाराष्ट्र की उपराजधानी में नेशनल फायर सर्विस कॉलेज बना है। जहां इन दिनों सुविधाओं को खासा टोटा है। इमारत की लागत 30 करोड़ रुपए तर बढ़ चुकी है, फिर भी काम आधा-अधूरा नजर आ रहा है। साल 1978 से नेशनल फायर सर्विस कॉलेज का संचालन सिविल लाइंस परिसर से किया जा रहा था। जिला न्यायालय के समीप नेशनल सिविल डिफेन्स कॉलेज ने 4 एकड़ में बनी अपनी इमारत नेशनल फायर सर्विस कॉलेज को दिया था। इस परिसर में फायर इंजीनियारिंग के विद्यार्थियों को प्रात्यक्षिक प्रशिक्षण दिया जाता था, जबकि अकादमिक शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को वीएनआईटी एवं एलआईटी कैम्पस भेजा जाता था। एक ही संस्थान में अकादमिक और प्रात्यक्षिक सुविधाओं की कमी को देखते हुए साल 2004 में नागपुर विद्यापीठ प्रबंधन ने आपत्ति दर्ज करायी। इसके अलावा फायर इंजीनियरिंग कोर्स को बंद करने का निर्णय भी लिया। 

विश्व भर में केवल लंदन और नागपुर में ही आपदा प्रबंधन की इंजीनियरिंग शिक्षा देने के संस्थान हैं। नेशनल फायर सर्विस कॉलेज कई सालों से आर्थिक संसाधनों की कमी झेल रहा था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2010 में कॉलेज में सुविधाओं के लिए 209 करोड़ दिये थे। निर्माण कार्य का जिम्मा केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग को सौंपा था, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने 6 साल के बजाय इमारत बनाने में 8 साल लगा दिये। इससे लागत बढ़कर 239 करोड़ हो गई। पीडब्ल्यूडी की लेटलतीफी के चलते कॉलेज प्रबंधन बिना उद्घाटन के ही इमारत में शिफ्ट हो गया है।

पिछले 6 माह से कॉलेज प्रबंधन नवनिर्मित इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पीडब्ल्यूडी अब भी सिविल वर्क को पूरा नहीं कर रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने पीडब्ल्यूडी को दो माह का अल्टीमेटम दिया है। अंतिम चरण का काम होते ही प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराया जा सकता है।

 

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