भिवंडी में कृषि भूमि पर अवैध निर्माण पर कोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

 भिवंडी में कृषि भूमि पर अवैध निर्माण पर कोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-04 12:30 GMT
 भिवंडी में कृषि भूमि पर अवैध निर्माण पर कोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अवैध निर्माण पर आंखें बंद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मामला भिवंडी के 60 गांवों की कृषि योग्य भूमि पर किए गए 20 हजार अवैध निर्माण से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने ठाणे के जिलाधिकारी को अवैध निर्माण पर आंखें बंद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनेे का निर्देश दिया है।

कृषि भूमि पर अवैघ निर्माण को लेकर दायर की थी याचिका 
हाईकोर्ट ने यह निर्देश मामले को लेकर महाराष्ट्र विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व जस्टिस एनएम जामदार की बेंच ने मामले से जुड़ी रिपोर्ट को देखने के बाद ठाणे के जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वह भिवंडी तहसील में अवैध निर्माण के संबंध में दी गई जानकारी व सिफारिशों पर अमल करने के लिए एक कमेटी बनाए। यह टीम इलाके का दौरा कर कृषि योग्य भूमि पर किए गए अवैध निर्माण के संबंध में जिलाधिकारी को जानकारी दें।

टीम की ओर से मिली रिपोर्ट पर गौर करने के बाद जिलाधिकारी न सिर्फ कानून के हिसाब से अवैध निर्माण को गिराने का आदेश जारी करे, बल्कि अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए। यही नहीं जिलाधिकारी इस संबंध में ठाणे जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव के पास मासिक रिपोर्ट भी पेश करे। इसके बाद विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे। हाईकोर्ट ने यह निर्देश भिवंडी निवासी राहुल जोगदंडे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया।

याचिका में दावा किया गया था कि कृषि योग्य भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया जा रहा है और कोई इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके बाद हाईकोर्ट ने साल 2017 में महाराष्ट्र विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव को इस मामले की पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। 

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