ढाई लाख अन्नदाताओं के फसलों पर बीमा का संकट- कंपनी को फायदा, किसान रहे नुकसान पर

 ढाई लाख अन्नदाताओं के फसलों पर बीमा का संकट- कंपनी को फायदा, किसान रहे नुकसान पर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-10 10:15 GMT
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डिजिटल डेस्क  कटनी । चालू खरीफ सीजन में फसल बीमा योजना की स्पष्ट तस्वीर नहीं होने से ढाई लाख अन्नदाता परेशान हैं तो कृषि विभाग शासन के आदेश नहीं आने से कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। अभी तक निर्धारित लक्ष्य के अनुरुप 43 क्षेत्रफल में फसल की बुवाई हो चुकी है। इसके बावजूद योजना में संशय की स्थिति बनी हुई है। खरीफ 2019 और रबी 2019-20 का फसल बीमा क्लेम भुगतान लंबित पड़ा हुआ है। प्रदेश सरकार ने अवर्षा, अतिवृष्टि और पाला-तुषार के साथ अन्य कारण से फसल नुकसान को लेकर इसे नए सिरे से लांच करने का जो मन बनाया है। उसे लेकर फिलहाल विभाग ने कोई तैयारी नहीं की है। ऐसे में किसानों की राह आसान होते हुए नहीं दिखाई दे रही है।
घाटे का रहा सौदा
तीन वर्ष के अंतराल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए घाटे का सौदा ही साबित हुआ है। दरअसल यह आंकड़े प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत फसल बीमा और क्लेम भुगतान की स्थिति पर दिखाई दे रहा है। खरीफ 2017 ही ऐसा रहा। जब प्रीमियम राशि 3 करोड़ 11 लाख के एवज में उपज प्रभावित होने पर बीमा कंपनी ने 3375 किसानों को 7 करोड़ 40 लाख 67 हजार रुपए का भुगतान किया। इसके बाद तो फसल कंपनी को ही प्रीमियम और क्लेम के भुगतान में फायदा पहुंचा। रबी 2017-18 में प्रीमियम के रुप में किसानों ने 2 करोड़ 49 लाख रुपए का भुगतान किया। इसके बदले 74 किसानों को महज 10 लाख 19 हजार रुपए ही दावा मिला। खरीफ 2018 में 2 करोड़ 87 लाख के विरुद्ध 1 करोड़ 63 लाख, रबी 2018-19 में 1 करोड़ 49 लाख के विरुद्ध 18 लाख का दावा भुगतान किसानों को मिला।
इधर एक वर्ष से प्रक्रियाधीन
पिछले सीजन में खरीफ और रबी के क्ले
म का भुगतान एक वर्ष से प्रक्रियाधीन ही है। खरीफ 2019 में 15626 किसानों ने 1 करोड़ 40 लाख रुपए प्रीमियम के रुप में जमा किया था। इसी तरह से रबी 2019-20 में 16665 किसानों ने 1 करोड़ 24 लाख रुपए की राशि जमा कराई थी। अभी तक बीमा क्लेम का भुगतान खटाई में पड़ा हुआ है। प्रीमियम जमा करने के बाद भी किसान कम उपज की शिकायत लेकर यहां-वहां भटकने को मजबूर हैं।
इनका कहना है
फसल बीमा को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं और न ही इसे लेकर शासन के द्वारा कोई दिशा-निर्देश दिया गया है। वर्तमान समय में फसल बीमा का काम नहीं हो रहा है। शासन के जो निर्देश मिलेंगे। उसका पालन किया जाएगा।
- ए.के.राठौर, उपसंचालक कृषि विभाग कटनी
 

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