दमोह: भारत सरकार के दलहन विकास निदेशालय के सहायक संचालक ने रबी फसलों का किया निरीक्षण

दमोह: भारत सरकार के दलहन विकास निदेशालय के सहायक संचालक ने रबी फसलों का किया निरीक्षण

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-01-02 08:53 GMT
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डिजिटल डेस्क, दमोह। दमोह कलेक्टर दमोह श्री तरुण राठी के निर्देशन में उप संचालक कृषि बीएस रैपुरिया ने भारत सरकार के दलहन विकास निदेशालय भोपाल के सहायक संचालक डाँ एके शिवहरे के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र दमोह के कृषि वैज्ञानिक डाँ एके द्विवेदी, कृषि वैज्ञानिक डाँ बीएल साहू, कृषि विभाग के अनुविभागीय कृषि अधिकारी पीएल कुशवाहा ने विकास खण्ड बटियागढ़ के ग्राम फतेहपुर, हटा के खैजराखुर्द, पथरिया के जोरतला एवं पुरा ग्रामों में रबी सीजन के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अन्तर्गत् डाले गए प्रदर्शन, कृषि विज्ञान केन्द्र दमोह के सीडहब कार्यक्रम एवं रबी फसलों का निरीक्षण किया । कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों सलाह दी गई कि, वर्तमान में चने में कटुवा इल्ली, मसूर में माहूं तथा गेहूँ में खरपतवार की समस्या बढ़ रही है तथा शीतलहर के कारण तापमान में निरन्तर गिरावट आने के कारण पाला की सम्भावना भी प्रतीत् हो रही है । कृषक बन्धुओं को सलाह दी गई है कि, चने में कटुवा इल्ली के नियंत्रण हेतु इमामेक्टिन वेन्जोऐट 5 एसजी 100 ग्राम /एकड़, मसूर में माहूं के नियंत्रण हेतु थायोमेथाक्साम 25 डब्ल्यू जी 100 ग्राम /एकड़, चने में जड़ सड़न रोग के नियंत्रण हेतु उपेरा या नाटीवो नामक कवकनाशी की 300 से 400 मिली लीटर मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें तथा गेहूँ में खरपतवार नियंत्रण हेतु बुवाई के 20 से 25 दिन बाद क्लोडिनोफाप प्रोपरजाइल 15 प्रतिशत मेट सल्फ्यूरान मिथाइल 1 प्रतिशत की 160 ग्राम प्रति एकड़ मात्रा को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें । सहायक संचालक कृषि जेएल प्रजापति ने बताया कि, पाला से बचाव हेतु जिस रात पाला पड़ने की सम्भावना हो उस रात 12 बजे से 02 बजे के आस-पास खेत की उत्तरी-पश्चिमी दिशा में खेतों के किनारे पर, मैंढ़ों पर रात्रि में कूड़ा-कचरा जलाकर धुंआं करना चाहिए तथा पाला पड़ने की सम्भावना होने पर खेत में सिंचाई करनी चाहिए । जिन दिनों पाला पड़ने की सम्भावना हो उन दिनों फसलों पर 1 किलो गन्धक को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हैक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए । गन्धक के छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है । अतः छिड़काव को 15-15 दिन के अन्तराल से दुहराते रहना चाहिए।

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