दमोह: लोकायुक्त टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते बीएमओ को पकड़ा

- कोरोना सैंपल वैन का बिल पास करने के एवज में मांगा था 10 प्रतिशत कमीशन दमोह: लोकायुक्त टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते बीएमओ को पकड़ा

Abhishek soni
Update: 2022-02-01 15:30 GMT

डिजिटल डेस्क दमोह। ब्लॉक स्तर पर कोरोना सैंपल एकत्र कर जिला अस्पताल तक पहुंचाने वाले वाहन का बिल पास करने के एवज में रिश्वत लेते ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर(बीएमओ) को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा। मामला जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक का है, जहां मंगलवार को बीएमओ डॉ. प्रेमी कोष्टा अपने निवास पर 15 हजार की रिश्वत वाहन संचालक से लेते हुए पकड़े गए।
यह है मामला-
तेंदूखेड़ा ब्लॉक में लिए जाने वाले कोरोना सैंपल रोज दमोह जिला अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 8 महीने पहले बीएमओ कार्यालय में दमोह निवासी बाजम खान के दो वाहन अटैच किए गए थे। 8 महीनों में इन वाहनों का बिल लगभग 4 लाख रुपए हो गया, इसे स्वीकृत करने के लिए बीएमओ डॉ. कोष्टा आनाकानी करने लगे। बिल न मिलने पर आजम ने दो माह पहले वाहन सेवा बंद कर दी। कुछ दिन पहले बीएमओ ने उसे बुलाकर 1.63 लाख रुपए का भुगतान करने के साथ ही बिल का 10 प्रतिशत बतौर कमीशन(रिश्वत) के रुप में मांगा। यह कमीशन उसने किए गए भुगतान की राशि मिलने पर देने कहा।
डरकर बाहर फेंके नोट-
इसकी शिकायत वाहन संचालक ने सागर लोकायुक्त एसपी कार्यालय में दी। लोकायुक्त पुलिस टीम न रिश्वत देने की योजना तैयार की। इसके तहत मंगलवार को सुबह वाहन संचालक आजम तेंदूखेड़ा अस्पताल पहुंचे लेकिन बीएमओ डॉ. कोष्टा ने उन्हें जबेरा स्थित निवास पर बुलाया। यहां उसने बीएमओ को 15 हजार रुपए दिए, लेकिन वह 5 हजार और मांगने लगा। आजम ने और रुपए बाहर खड़े ड्राइवर से बुलवाने की बात की, लेकिन ड्राइवर की जगह लोकायुक्त पुलिस की टीम ने अंदर आकर बीएमओ को रंगे हाथ पकड़ा। पुलिस को देख चाय के लिए लड़का बुलाने की बात कर बीएमओ कोष्टा बाहर निकले और 15 हजार रुपए वहां फेंक दिए, वो अंदर जाकर हाथ धोने की भी फिराक में था लेकिन लोकायुक्त टीम ने उसे पकड़ लिया।

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