दंतेवाड़ा : भारी मुनाफे का धंधा हुआ मछली पालन, कम लागत में अच्छा पैसा कमा रहे पोदियाराम ताती

दंतेवाड़ा : भारी मुनाफे का धंधा हुआ मछली पालन, कम लागत में अच्छा पैसा कमा रहे पोदियाराम ताती

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-12-24 08:54 GMT
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डिजिटल डेस्क, दंतेवाड़ा। मत्स्य पालक श्री पोदियाराम ताती पिता श्री सन्नू ताती ग्राम टिकनपाल विकास खण्ड कुआकोण्डा, जिसके पास कुल 10.40 हेक्टेयर असिंचित भूमि है। जिसमें से केवल 1.00 हेक्टेयर भूमि पर मछलीपालन करता है। पूर्व में कृषि भूमि के पास स्थित मुण्डा तथा नदी-नालों में मछली पकड़कर स्थानीय बाजारों में बेचकर प्राप्त आय से अपनी अजीविका चलाता था। खेती के साथ-साथ अपनी आजीविका चलाने के लिये गांव में मजदूरी भी करता था। मछली पालन विभाग द्वारा मछली पालन के प्रति रूचि को देखते हुए कृषक को दस दिवसीय विभागीय मछुआ प्रशिक्षण एवं राज्य के बाहर अपनायी जाने वाली उत्कृष्ठ तकनीक का प्रत्यक्ष अनुभव के लिए अध्ययन भ्रमण पर भेजा गया। अध्ययन भ्रमण पश्चात मछली पालन विभाग से सम्पर्क किया। स्वयं की भूमि में मछलीपालन में रूचि लेकर 1.00 हेक्टेयर पर तालाब निर्माण कराकर मछलीपालन का कार्य प्रारंभ किया। कृषक को विभागीय योजना से मत्स्य बीज, परिपूरक आहार, जाल, आईस बाक्स, झींगा बीज, सीफेक्स आदि सहायता का लाभ प्रदाय कर उन्नत तकनीक एवं विभागीय मार्गदर्शन में मछलीपालन करने का सलाह दिया । जिससे वर्तमान में कृषक के द्वारा मछलियों का उत्पादन के साथ ही झींगा, देशी मांगूर का पालन कर उससे 2 लाख से 2.5 लाख रूपये की आमदनी वर्ष में प्राप्त कर रहा है। प्राप्त आय से तालाब के पास एक मकान बनवाया है। इस तरह मत्स्य पालन व्यवसाय को अपनाने से कृषक के परिवार को रोजगार का साधन प्राप्त हुआ एवं उसकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ। तथा अन्य लोगों को शासन की योजना का लाभ लेकर आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति सुधारने हेतु प्रेरित करता है। कृषक द्वारा सतत् रूप से विभाग के सर्म्पक में रह कर नयी-नयी तकनिकों से मछली पालन का कार्य किया जा रहा है।

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