आर्मी-डे परेड में स्टंट करेंगी डेयर डेविल्स टीम की पहली लेडी ऑफीसर

आर्मी-डे परेड में स्टंट करेंगी डेयर डेविल्स टीम की पहली लेडी ऑफीसर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-15 07:59 GMT
आर्मी-डे परेड में स्टंट करेंगी डेयर डेविल्स टीम की पहली लेडी ऑफीसर

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। आर्मी की डेयर डेविल्स टीम के रोमांचक कारनामों से सभी वाकिफ हैं। इस टीम के नाम 24 वर्ल्ड रिकार्ड्स हैं, जिनमें से 9 रिकार्ड्स गिनीज बुक में दर्ज हैं। कोर ऑफ सिग्नल्स की डेयर डेविल्स टीम नई दिल्ली में होने वाली आर्मी-डे परेड और रिपब्लिक-डे परेड का हिस्सा बनती रही है, लेकिन इस बार टीम के लिए मौका खास है। 71वें आर्मी-डे के मौके पर मेल ऑफीसर्स वाली डेयर डेविल्स टीम में पहली बार एक लेडी ऑफीसर स्टंट करती नजर आएंगी। यह लेडी ऑफीसर हैं कैप्टन शिखा सुरभि।

कैप्टन शिखा दिल्ली केंट के करियप्पा परेड ग्राउंड में मेजर मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में होने वाली आर्मी-डे परेड में डेयर डेविल्स की टीम का हिस्सा बनेंगी, जहां वह डेयर डेविल्स पिरामिड के आगे चलती हुई बाइक पर खड़ी होकर सैल्यूट करेंगी। कैप्टन शिखा का जबलपुर से खास कनेक्शन है। क्या है यह कनेक्शन और क्या है हमारी डेयर डेविल्स टीम की तैयारी, आइए जानते हैं।

जबलपुर में हुई ट्रेनिंग
कैप्टन शिखा सुरभि का जबलपुर से खास कनेक्शन है। वह यह है कि डेयर डेविल्स की टीम के ज्वॉइन करने से पहले उनकी ट्रेनिंग जबलपुर में ही हुई है। तीन महीने तक वन एसटीसी के 2 टीटीआर में में उन्हें बाइक राइडिंग और स्टंट करने के गुर सिखाए गए। किस तरह बाइक पर बैठना है, ताकि पैरों से ही बाइक को होल्ड किया जा सके, जैसी बातें ट्रेनिंग में बताई गईं। डेयर डेविल्स के प्रशिक्षकों ने उन्हें ट्रेंड किया।

कौन हैं कैप्टन शिखा
कैप्टन शिखा सुरभि झारखंड की रहने वाली हैं और फिलहाल पंजाब के भटिंडा में तैनात हैं। कैप्टन शिखा की बेसिक ट्रेनिंग जबलपुर में हुई। कैप्टन शिखा बाइकिंग के साथ बॉक्सिंग और मार्शल आर्ट में रुचि रखती हैं। बाइकिंग इंट्रस्ट के चलते उन्होंने बाइक पर लंबी यात्राएँ भी की हैं। वह पिछले 4 वर्षों से आर्मी का हिस्सा हैं।

26 से पहले 23 जनवरी को भी होगा शो
डेयर डेविल्स की टीम आज आर्मी-डे पर परफॉर्म करेगी, इसके बाद 23 जनवरी और 26 जनवरी को राजपथ पर एक बार फिर अपने कारनामे दोहराएगी। टीम करीब 15 स्टंट्स परफॉर्म करेगी, जिसमें 9 बाइक्स पर सवार 33 जवानों का पिरामिड खास होगा।

क्यों मनाया जाता है "आर्मी-डे
15 जनवरी, 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। वह भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने। केएम करियप्पा पहले आर्मी चीफ के अलावा पहले ऐसे ऑफीसर थे, जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। हर साल आर्मी-डे पर जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजीमेंट की परेड होती है और झांकियां निकाली जाती हैं।

 

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