जल संसाधन विभाग में नियुक्ति को लेकर सीएम-पाटील में ठनी, दरेकर का दावा - मुख्य सचिव को हटवाना चाहती है NCP

जल संसाधन विभाग में नियुक्ति को लेकर सीएम-पाटील में ठनी, दरेकर का दावा - मुख्य सचिव को हटवाना चाहती है NCP

Tejinder Singh
Update: 2021-05-13 15:13 GMT
जल संसाधन विभाग में नियुक्ति को लेकर सीएम-पाटील में ठनी, दरेकर का दावा - मुख्य सचिव को हटवाना चाहती है NCP

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने दावा किया है कि राज्य के जलसंसाधन विभाग में सचिव की नियुक्ति को लेकर प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच ठन गई है। दरेकर ने दावा किया कि इस विवाद के कारण राकांपा मुख्यमंत्री पर प्रदेश के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को हटाकर मुंबई मनपा के पूर्व आयुक्त प्रवीण परदेशी को नया मुख्य सचिव बनाना चाहती है। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में दरेकर ने कहा कि जलसंसाधन विभाग में सचिव की नियुक्ति पर पाटील और मुख्यमंत्री के बीच विवाद पैदा हो गया है, लेकिन मुख्यमंत्री जलसंसाधन विभाग पर अपना नियंत्रण रखकर संदेश देना चाहते हैं कि वह राकांपा के दबाव में नहीं आएंगे। इसलिए राकांपा के मंत्री अब मुख्य सचिव कुंटे को हटाने के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं। राकांपा मुख्य सचिव पद पर परदेशी को नियुक्त करना चाहती है। दरेकर ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक ठाक नहीं है। इसलिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए पीआर एजेंसी करने के फैसले को रद्द किया है। दरअसल, पाटील जलसंसाधन विभाग के सेवानिवृत्त अतिरक्त मुख्य सचिव विजय गौतम को दोबारा विभाग में सेवा के लिए लाना चाहते हैं। लेकिन राज्य के विधि व न्याय विभाग ने सेवानिवृत्त अधिकारी को उसी पद पर नियुक्त करने का विरोध किया है। इसके बाद से पाटील की नाराजगी सामने आई है।

मंत्रियों ने फिल्मी सितारों को उपलब्ध कराया टीका

विपक्ष के नेता दरेकर ने आरोप लगाया किमंत्रियों के करीबी फिल्मी सितारों को कोरोना का टीका उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही प्रभावशाली मंत्रियों ने अपने गृह जिले में करीबियों के लिए टीका भेजा है। दरेकर ने कहा कि सांगली और सातारा में मई महिने में पांच से छह लाख टीका उपलब्ध कराया गया है जबकि रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में केवल डेढ़ लाख टीका दिया गया है। दरेकर ने कहा कि राज्य में कोरोना का 3 लाख टीका बर्बाद हुआ है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि 3 लाख टीके का क्या हुआ? इससे पता चलेगा कि बर्बाद हुआ टीका कहां गया है। 

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