मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव में दो वर्ष का विलंब कानूनी दृष्टि से असहनीय- कांग्रेस नेता तन्खा

बयान मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव में दो वर्ष का विलंब कानूनी दृष्टि से असहनीय- कांग्रेस नेता तन्खा

Tejinder Singh
Update: 2022-05-08 09:48 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि मध्य प्रदेश में पंचायत और नागरी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र का मामला नज़ीर बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निकाय चुनाव में दो वर्ष का विलंब कानूनी दृष्टि से असहनीय है। कांग्रेस नेता ने शनिवार को एक ट्वीट करते हुए लिखा है कि प्रदेश में निकाय चुनाव में दो वर्ष का विलंब कानूनी दृष्टि से असहनीय है। सर्वोच्च न्यायालय इस विषय पर 10 मई को फैसला सुनाएगा। महाराष्ट्र की नज़ीर आ चुकी है। यदि ओबीसी या किसी भी वर्ग का नुकसान होता है तो इस विलंब के लिए राज्य सरकार ही गुनहगार मानी जाएगी।

शुक्रवार को शिवराज सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की जिस पर कोर्ट को रिपोर्ट में कुछ कमी लगी। इस पर सरकार ने कोर्ट से कमी को दूर करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है, लेकिन कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अब तक सरकार को जो कार्रवाई करनी चाहिए थी, वह नहीं की है फिर एक हफ्ते में कैसे जानकारी देंगे? सुप्रीम कोर्ट द्वारा जताई गई इस नाराजगी पर कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा कि शिवराज सरकार ना असंवैधानिक अध्यादेश लाती, ना कोई कोर्ट जाता और ना सर्वोच्च न्यायालय का हस्तक्षेप होता। अभी तक पंचायती और नागरी निकाय चुनाव जैसे छत्तीसगढ़ में निपट गए, मध्यप्रदेश में भी हो जाते। अच्छे और खराब सलाह या सलाहकार पे सरकार की सोच निर्भर।  

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