नेशनल कॉम्पिटिशन में योगा करेंगी डिंडोरी की रजंती

नेशनल कॉम्पिटिशन में योगा करेंगी डिंडोरी की रजंती

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-03 07:47 GMT
नेशनल कॉम्पिटिशन में योगा करेंगी डिंडोरी की रजंती

डिजिटल डेस्क  डिण्डौरी। ग्रामीण क्षेत्र भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है और न ही वे सुविधाओं की मोहताज है। इसे निरूपित किया है जिले के एक छोटे से  गांव कमकोमोहनिया की छात्रा ने जिसने योगा में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ बनाई है और वे निकट समय में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेगी जहां छत्तीसगढ़ में  राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित स्पर्धा में भाग लेगी। तदाशय की जानकारी देते हुए जिला क्रीड़ा प्रभारी जनजातीय कार्य विभाग पीएस राजपूत ने बताया कि खिलाड़ी छात्रा वर्तमान में प्री-नेशनल कोचिग केम्प जो कि सतना में आयोजित हो रहा है और यह केम्प आगामी 5 नवम्बर तक चलेगा। जिसमें विधा विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में वे अभ्यास कर रही है। प्रतिभा की धनी इस छात्रा ने विगत तीन वर्षो से राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में गोल्ड पदक प्राप्त किया है और अब राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में भाग ले रही है। बताया जाता है कि योग खेल विधा निरन्तर अभ्यास एवं कठिन परिश्रम के  प्राप्त होता है। जिसमें विभिन्न विधाओं की प्रस्तुती और शरीर को हवा में रखते हुए कहीं दोनों हाथों के सहारे पदमासन की भूमिका निर्वाह करना होती है। तो कहीं एक शारीरिक प्रक्रिया एक पैर से सिर के ऊपर तक जाती है जिसे आसानी से नहीं किया जा सकता। इसके अलावा योग की विभिन्न क्रियाएं व उसकी प्रस्तुती भी काफी कठिन परिश्रम के बाद प्राप्त होती है। 15 वर्षीय यह बालिका रजंती अमरपुर विकासखण्ड के ग्राम कमकोमोहनिया शासकीय उमावि की छात्रा है। जिसने 6 स्तरों पर चयन स्पर्धाओं में अपने खेल कौशल और उत्कृष्ट प्रदर्शन पर चयनित होते हुए प्रदेश में योगा दल का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल किया है। राष्ट्रीय स्तर पर यह स्पर्धाएं दुर्ग छत्तीसगढ़ में 7 से 11 नवम्बर के बीच आयोजित होगी। रजंती के चयन पर जिले के अधिकारी प्रशांत आर्या, बीडी मूलचंदानी, नैनसाय उइके, सेवकराम मरावी, स्मिता पटेल, एस उइके, जगत मरावी, उमा उइके, सीएल करोसिया, कन्हैया पूशाम, कैलाश उइके, हनुमत मनोठिया आदि ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। ज्ञातव्य हो कि जिले में खेल सुविधाओं का अभाव है और यहां पर न तो इनडोर स्टेडियम है और न ही आउटडोर स्टेडियम है वहीं ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को भी कई स्तरों पर उभरने का मौका नहीं मिल पाता है। इस सबके बावजूद भी रजंती ने अपनी प्रतिभा दर्शाई है।

 

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