सहजनी खदान में विस्फोट की जांच करने पहुंची DGMS, गमगीन माहौल में किया गया मृतक का अंतिम संस्कार
सहजनी खदान में विस्फोट की जांच करने पहुंची DGMS, गमगीन माहौल में किया गया मृतक का अंतिम संस्कार
डिजिटल डेस्क, कटनी। बड़वारा तहसील के सेजा नन्हवारा के समीप सहजनी स्थित पत्थर खदान में दुर्घटना की जांच करने डायरेक्टर माइंस एंड सेफ्टी जबलपुर के अधिकारी घटना स्थल पहुंचे। डीजीएमएस जबलपुर से आए विनोद कुमार रजक ने खनिज निरीक्षक के साथ सहजनी पहुंचकर खदान का निरीक्षण किया। पत्थर खदान मेें शुक्रवार अपरान्ह लगभग चार बजे ब्लास्टिंग के दौरान सिर में पत्थर गिरने से खदान में काम करने वाले मजदूर नरेश सिंह गौंड़ पिता रामकुमार गौंड़ (40) निवासी ग्राम बड़ागांव की मौत होने पर मामला जांच में लिया है। शनिवार को मृतक का शासकीय अस्पताल बड़वारा में पोस्टमार्टम कराया गया और शव परिजनों को सौंपा। गमगीन माहौल में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
अनाथ हो गए तीन, बच्चे और पत्नी
मृतक के पिता रामकुमार गोंड़ के अनुसार नरेश सिंह के परिवार में पत्नी सहित 12 वर्षीय पुत्र और 8 व 6 साल की पुत्रियां हैं। वह अपने परिवार का एकमात्र सहारा था। नरेश की मौत पर पूरा परिवार अनाथ हो गया। अब उसके परिवार के सामने भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। परिवार के पास इतनी जमीन भी नहीं है कि खेती से गुजर बसर हो सके।
कलेक्टर के निर्देश पर रात में दौड़े अधिकारी
निर्वाचन संबंधी बैठक में भाग लेने भोपाल गए कलेक्ट डॉ.पंकज जैन को शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ सहजनी पत्थर खदान हादसे की जानकारी लगी। कलेक्टर के निर्देश पर रात साढ़े नौ बजे एसडीएम, तहसीलदार घटना स्थल पहुंचे। बताया गया है कि कलेक्टर ने जब उन्होने एसडीएम, उप संचालक खनिज, तहसीलदार से घटना के बारे पूछताछ की तो सभी अधिकारियों ने अनभिज्ञता जाहिर की। तब बड़वारा टीआई से पुष्टि करने के बाद कलेक्टर ने अधिकारियों को घटना स्थल पहुंचने के निर्देश दिए।
सुरक्षा मानकों की उड़ रही धज्जियां
बड़ागांव के संतराम दाहिया के अनुसार सहजनी की पत्थर खदान में सुरक्षा उपायों की अनदेखी की जा रही है। खदान में काम करने वाले मजदूरों को हैलमेट, दस्ताने सहित अन्य सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते हैं। नरेश के सिर में पत्थर गिरने से उसकी मौत हुई है, यदि उसे हेमलेट दिया होता तो शायद जान बज जाती।
भड़के ग्रामीण, रोका अंतिम संस्कार
बताया गया है कि पुलिस ने मृतक के परिजनों पर दबाव बनाकर सुबह 8 बजे अंतिम संस्कार कराने की तैयारी कर दी थी। पुलिस की मौजूदगी में चिता भी तैयार हो गई थी इसी बीच बड़गांव के सरपंच एवं मृतक के रिश्तेदार पहुंच गए और उन्होने पुलिस को जमकर खरी-खोटी सुनाई। लोगों का कहना था कि मृतक के तीन छोटे-छोटे बच्चे और पत्नी अनाथ हो गई। उनके जीविकोपार्जन एवं अन्य संस्कार के लिए आर्थिक सहायता के बगैर अंतिम संस्कार करने का विरोध किया और शव रखकर बड़वारा में चकाजाम करने की चेतावनी दी। मामले को तूल पकड़ते देख खदान ठेकेदार ने दस हजार रुपये की सहायता दी और परिवार के पालन पोषण का लिखित आश्वासन दिया तब ग्रामीण मृतक का अंतिम संस्कार कराने तैयार हुए।
इनका कहना है
सहजनी खदान में मृत श्रमिक को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत बीमा राशि को भुगतान किया जाएगा। इसके लिए जनपद पंचायत सीईओ एवं बड़वारा तहसीलदार को प्रकरण तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं।
बलवीर रमन, एसडीएम बड़वारा/कटनी