विधानसभा वोटर लिस्ट के आधार पर होगा जिला परिषद चुनाव ,चुनाव आयोग के निर्देश

विधानसभा वोटर लिस्ट के आधार पर होगा जिला परिषद चुनाव ,चुनाव आयोग के निर्देश

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-31 09:43 GMT
विधानसभा वोटर लिस्ट के आधार पर होगा जिला परिषद चुनाव ,चुनाव आयोग के निर्देश

डिजिटल डेस्क, नागपुर । जिला परिषद चुनाव कराने की गतिविधियां तेज हो गई हैं। निर्वाचन आयोग ने 30 अक्टूबर को जिलाधिकारी को पत्र भेजकर विधानसभा की वोटर लिस्ट के आधार पर चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। जिला परिषद आरक्षण तय करने के लिए राज्य सरकार को पिछड़े वर्ग की जनसंख्या की जानकारी चाहिए। केंद्र सरकार से जानकारी नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार जानकारी नहीं दे पाई है। लिहाजा मौजूदा आरक्षण के अनुसार ही जिला परिषद चुनाव होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। जिला परिषद चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण न्यायप्रविष्ट है। 28 अगस्त 2019 को न्यायालय ने दो महीने में सर्कल आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के राज्य सरकार को आदेश दिए थे। प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर मौजूदा आरक्षण के आधार पर निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के निर्देश दिए थे। न्यायालय ने दी मुद्दत 27 अक्टूबर को समाप्त हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 27 अक्टूबर के बाद निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम घोषित करना आवश्यक था। 

सूची जारी की जाए
निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। इसमें मतदाता सूची जारी करने के आदेश दिए गए हैं। हाल ही में हुए िवधानसभा चुनाव की मतदाता सूची ग्राह्य मानकर 2 नवंबर को प्रारूप सूची जारी की जाएगी। 2 से 6 नवंबर तक प्रारूप मतदाता सूची पर आपत्ति तथा सूचना दर्ज की जा सकेगी। 8 नवंबर को प्रभाग निहाय अंतिम मतदाता सूची अधिप्रमाणित कर जारी की जाएगी। 11 नवंबर को मतदान केंद्रों की सूची तथा मतदान केंद्र निहाय मतदाता सूची जारी की जाएगी। 

जुलाई में जारी हुआ आरक्षण संशोधन अध्यादेश
जिला परिषद का कार्यकाल 21 मार्च 2017 को समाप्त हो गया। उसी समय चुनाव की घोषणा की गई थी। सर्कल रचना और आरक्षण 50 प्रतिशत के पार हो जाने से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर चुनाव स्थगित किया गया। सर्कल रचना के मामले का हाईकोर्ट में निपटारा हो गया। नए सिरे से सर्कल रचना भी कर ली गई। 17 मई 2019 को अंतिम अधिसूचना भी जारी की गई। आरक्षण के फैसले पर सुप्रीमकोर्ट में अपील की गई। 31 जुलाई 2019 को राज्य सरकार ने आरक्षण संशोधन अध्यादेश जारी किया। मसले पर 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला आता है, इस ओर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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