जिला पंचायत उपाध्यक्ष पूर्णिमा तिवारी ने भाजपा से दिया इस्तीफा, कर सकती हैं कांग्रेस ज्वाइन

जिला पंचायत उपाध्यक्ष पूर्णिमा तिवारी ने भाजपा से दिया इस्तीफा, कर सकती हैं कांग्रेस ज्वाइन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-17 07:50 GMT
जिला पंचायत उपाध्यक्ष पूर्णिमा तिवारी ने भाजपा से दिया इस्तीफा, कर सकती हैं कांग्रेस ज्वाइन

डिजिटल डेस्क, शहडोल। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। शहडोल जिला पंचायत की उपाध्यक्ष और भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्य समिति की सदस्य पूर्णिमा तिवारी ने मंगलवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को ब्यौहारी में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में वे कांग्रेस का हाथ थाम सकती हैं। उनके साथ 40 पंचायतों के जनप्रतिधियों के भी कांग्रेस ज्वाइन करने की खबरें हैं। पूर्णिमा तिवारी ने मंगलवार को जिला भाजपा अध्यक्ष के नाम अपना इस्तीफा भेजा है।

भास्कर के साथ हुई चर्चा में उनका कहना है कि संगठन में उनकी कोई बात नहीं सुनी जा रही थी और उनको कोई महत्व नहीं मिल रहा था। सीधी और शहडोल दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों से उन्हें दरकिनार किया जा रहा था। उन्होंने कहा अगर आपको पार्टी में सम्मान नहीं मिलता है तो पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है। जब उनसे कांग्रेस ज्वाइन करने की बात पूछी गई तो उन्होंने इतना ही कहा कल देखिए क्या होता है। इधर भाजपा जिला अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छाबड़ा का कहना है कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मेरे पास कोई पत्र अभी तक नहीं आया है। 

पड़रिया के लोगों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
पानी की समस्या को लेकर ग्राम पड़रिया के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। उनका कहना है कि काफी समय से गांव में पेयजल की समस्या है। लोग तालाब और नदी का पानी पीकर जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अगर अभी समस्या का निदान नहीं किया गया तो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। पड़रिया गांव बुढ़ार जनपद पंचायत के अंतर्गत आता है। गांव में लगभग 476 परिवार रहते हैं। गांव के एक दर्जन से अधिक लोग अपनी शिकायत लेकर पीएचई के एसडीओ कार्यालय बुढ़ार पहुंचे थे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद सभी ग्रामीण शहडोल कलेक्ट्रेट आ गए। यहां कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि पीएचई विभाग ने वर्ष 2015-16 में गांव में नल-जल योजना के लिए बोर कराया था, लेकिन आज तक योजना का काम शुरू नहीं हो सका है। इधर ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। गांव के भमरहा टोला के लोग तो तालाब का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर 28 अप्रैल तक पानी की समस्या का निदान नहीं किया गया तो वे 29 अप्रैल को वोट नहीं डालेंगे।
 

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