41 लाख के विद्युतीकरण में गड़बड़ी का मामला विधानसभा में गूंजा , एसई सहित तीन को शोकाज

41 लाख के विद्युतीकरण में गड़बड़ी का मामला विधानसभा में गूंजा , एसई सहित तीन को शोकाज

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-13 07:59 GMT
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डिजिटल डेस्क,कटनी। आईपीडीएस योजना में विद्युत अधोसंरचना विस्तार के लिए स्वीकृत 41 लाख रुपये के कार्यों में गड़बड़ी का मामला विधानसभा में गूंजा। मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल के अतारांकित प्रश्नों के जवाब में गलतियां छिपाने अफसरों ने विधानसभा को भी गुमराह करने का प्रयास किया। मामला सौभाग्य योजना में विद्युतीकरण में गड़बड़ी का है। मप्र विद्युत वितरण कंपनी लि.कटनी के अफसरों ने प्रश्न क्रमांक 645 (अतारांकि)  में जवाब दिया कि शासकीय या वन भूमि में खम्भे नहीं लगाए गए। जब सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत में दिए गए जवाब का उल्लेख करते हुए मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने अतारांकित प्रश्न 833 में गलत उत्तर देने पर घेरा तो अधिकारियों ने स्वीकार किया कि 17 खम्भे वन भूमि में लगा दिए गए थे। जिस पर तत्कालीन अधीक्षण यंत्री, सहायक यंत्री एवं कनिष्ठ अभियंता को शोकाज नोटिस जारी किया गया है एवं ठेकेदार के देयक से दो लाख 15 हजार रुपये की राशि काटी गई है।

पहले यह दिया जवाब

मुड़वारा विधायक के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 645 में उर्जा मंत्री प्रियवृत सिंह ने जवाब दिया कि सौभाग्य योजना में  बजरंग नगर नई बस्ती में किए गए विद्युतीकरण में सीएम हेल्पलाइन में की शिकायत की गई थी। जांच में पाया गया कि चुनकाई मोहल्ला, बजरंग नगर नई कटनी विद्युत लोकोशेड में किया गया 17 खम्भों का निम्न दाब विद्युत लाइन का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार नहीं था। संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। उर्जा मंत्री ने यह भी जवाब दिया कि कहीं भी आबादी विहीन एवं वन भूमि क्षेत्र में खम्भे स्थापित नहीं किए गए।

जांच में स्वीकारी लापरवाही

उर्जा मंत्री ने अतारांकित प्रश्न क्रमांक 833 में स्वीकार किया किया कि आबादी विहीन एवं वनभूमि में 17 खम्भे स्थापित करना प्रमाणित हुआ।  राजस्व एवं नगर निगम टीम ने शासकीय भूमि में मानकर चार खम्भे हटा दिए थे। विद्युत लाइन विस्तार कार्य निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं किए जाने पर ठेकेदार के देयक से दो लाख,15 हजार रुपये की राशि काटी गई। विद्युतीकरण कार्य की जांच में लापरवाही पर तत्कालीन अधीक्षण यंत्री पी.के.मिश्रा को महाप्रबंधक के माध्यम एवं सहायक अभियंता मोहनकुमार सिंह एवं कनिष्ठ अभियंता खिरहनी शेख अकील को मुख्य अभियंता के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया है। प्रकरण में विभागीय जांच प्रारंभ की जा चुकी है।

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