पानी की तलाश में भटककर गांव के समीप पहुंची नीलगाय पर कुत्तों ने किया हमला, मौके पर ही मौत

पानी की तलाश में भटककर गांव के समीप पहुंची नीलगाय पर कुत्तों ने किया हमला, मौके पर ही मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-25 08:11 GMT
पानी की तलाश में भटककर गांव के समीप पहुंची नीलगाय पर कुत्तों ने किया हमला, मौके पर ही मौत

डिजिटल डेस्क परसवाड़ा, बालाघाट। प्यास से व्याकुल वन्य प्राणी नीलगाय रविवार को परसवाड़ा अंतर्गत ग्राम चंदना के नाले के समीप पहुंचने पर अवारा कुत्तों के हमले का शिकार हो गई जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार परसवाड़ा विस क्षेत्र अंतर्गत आसपास के वन क्षेत्रो में पोखर पूरी तरह से सूख गए है, ऐसी स्थिति में प्यास से व्याकुल वन्य प्राणी गांव की ओर रूख करते है, लेकिन आवारा कुत्तों के हमले से असमय ही वन्य प्राणियों की मौत हो रही है। वन विभाग द्वारा वन क्षेत्रों मे पानी की समुचित व्यवस्था नही किए जाने को लेकर ग्रीष्मकाल के दिनों में खासकर इस प्रकार की स्थिति निर्मित होना आम बात हो गई है।

कुत्तों के दौड़ाने से थक गई थी नीलगाय
ग्रामीणजनों का कहना है कि आवारा कुत्तों के दौड़ाने के कारण नीलगाय थक चुकी थी, तथा हमले के कारण शरीर पर चोट के निशान भी थे, यदि समय पर विभागीय अधिकारी पहुंचकर उपचार कराते तो नीलगाय को बचाया जा सकता था, लेकिन विभागीय अधिकारियों के रवैये के कारण वन्य प्राणी नीलगाय ने दम तोड़ दिया।

झालीटोला-चंदना के समीप नाले के पास किया हमला
जानकारी के अनुसार यहां मुख्यालय परसवाड़ा के व ग्राम झालीटोला, चंदना के समीप ही एक नाले के पास खेत पर वन्य प्राणी नीलगाय पर हमला हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि नाले के समीप आधा दर्जन आवारा कुत्ते घूम रहे थे। ग्राम झालीटोला के ग्रामीणों ने बताया कि यह घटना उनके सामने ही घटित हुई, लेकिन उनके द्वारा विभाग को सूचना देने के बाद भी अधिकारी समय पर नही पहुंचे।

वन अमले ने किया अंतिम संस्कार
घटना के बाद वन अमले ने मौके पर पहुंचकर समीप ही जंगल मे वन्य प्राणी नीलगाय का अंतिम संस्कार कर दिया। ग्रामीणों का दबी जुबान कहना था कि वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार के पुख्ता इंतजाम नही किए गए है, जिससे आए दिन वन्य प्राणियों की मौत हो रही है।

सांस फूलने से हुई मौत
वन्य प्राणी नीलगाय की कुत्तों के हमले से हुई मौत के संबंध में वन विकास निगम के वनपाल सुरेन्द्र गुप्ता का कहना है कि कुत्तों के दौड़ाने से नीलगाय की सांस फूल गई थी जिसकी वजह से मौत होने से प्रथम दृष्टया इंकार नही किया जा सकता है। विभागीय तौर पर कार्रवाई कर समीप के जंगल में अंतिम संस्कार कर दिया है।  

 

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