नारकोटिक्स विभाग के पास आया डॉग स्क्वाड, अब तस्करों की खैर नहींं

नारकोटिक्स विभाग के पास आया डॉग स्क्वाड, अब तस्करों की खैर नहींं

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-31 13:07 GMT
नारकोटिक्स विभाग के पास आया डॉग स्क्वाड, अब तस्करों की खैर नहींं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उप राजधानी में मादक पदार्थ के बढ़ते मामले, पुलिस विभाग के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। नारकोटिक्स विभाग के अंतर्गत इस तरह के मामले सुलझाए जाते हैं, लेकिन अभी तक इस विभाग के पास डॉग स्क्वाड  नहीं थे। Crime branch police के नारकोटिक्स विभाग को जल्द ही दो नए डॉग मिलने जा रहे हैं। नारकोटिक्स विभाग को यह दोनों डॉग करीब दो दशक बाद मिलने जा रहे हैं। 

डिटेक्शन का प्रमाण बेहद कम हो गया था

लगभग 22 साल पहले नारकोटिक्स विभाग के पास रुसा नामक डॉग था। यह डॉग BSF की ओर से नागपुर के नारकोटिक्स विभाग को दिया गया था। नागपुर पुलिस डॉग स्क्वाड के एपीआई शिवशंकर जोशी ने बताया कि 1991 से 1995 तक सेवा देने के बाद वह रिटायर होे गया। डॉग्स के बिना इस विभाग में डिटेक्शन का प्रमाण बेहद कम हो गया था। यह बात ध्यान में आते ही police Commissioner डा. के व्यंकटेशम ने डॉग स्क्वाड के अधिकारियों से चर्चा की। उसके बाद नारकोटिक्स विभाग को दो नए डॉग दिए जाने की मंजूरी दी गई। प्रत्येक डॉग के लिए 20-20 हजार रुपए मंजूर कर दिए गए हैं। 

जबर्दस्त क्षमता 

नारकोटिक्स विभाग के डॉग्स की खासियत होती है कि उनमें सूंघने की क्षमता जबर्दस्त होती है। यह डॉग जमीन के अंदर 6 फीट तक की गहराई में छुपाए गए मादक पदार्थ काे भी सूंघकर पता लगाने में माहिर होते हैं। इन नए डॉग्स को रखने के लिए नए कैनल जरूरी हैं, क्योंकि डॉग विभाग के पास पहले से ही पुराने कैनल में 6 डॉग हैं। डॉग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नारकोटिक्स विभाग के लिए दोनों नए डॉग्स को रखने की समस्या आएगी। जालना में पुलिस विभाग के डॉग के लिए आधुनिक कैनल और कर्मचारियों के कमरे बने हैं।  

बनेंगे चार नए कैनल 

डॉग विभाग के अधिकारियों ने पुलिस आयुक्तालय के पास चार नए कैनल के लिए 25 लाख का और कर्मचारियों के लिए हाल, एक कम्प्यूटर, वाटर कूलर, पुलिस कर्मचारियों के लिए कमरे आैर सुरक्षा दीवार बनाने के लिए कुल 60 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। पुलिस आयुक्त को करीब 20 लाख के प्रस्ताव को मंजूरी करने का अधिकार है, लेकिन राशि अधिक होने से यह प्रस्ताव उनके मार्फत पुलिस महासंचालक कार्यालय मुंबई को भेज दिया गया है। डॉग विभाग ने यह प्रस्ताव दूसरी बार भेजा है। 

सांप का खतरा अधिक 

पुलिस मुख्यालय परिसर में पुलिस विभाग के डॉग्स को जिस जगह पर रखा गया है। वहां पर बारिश के समय सांप के निकलने का खतरा अधिक होता है। डॉग्स की देख-रेख करने वाले पुलिस कर्मचारियों (डॉग हैंडलरों) का मानना है कि सुरक्षा दीवार बनने से जरूर राहत मिलेगी।
 

Similar News