रायसेन: जैविक खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करने से किसानों की आय में हो रही है वृद्धि

रायसेन: जैविक खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करने से किसानों की आय में हो रही है वृद्धि

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-08-11 07:38 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायसेन। रायसेन परम्परागत कृषि विकास योजना किसानों को जैविक खेती की ओर ले जाने का काम कर रही है। जैविक खेती में अच्छी पैदावार मिलने से किसानों की रूचि भी इसमें बढ़ रही है। रायसेन जिले के ग्राम सेमरा के किसानों ने समूह बनाकर जैविक खेती की शुरूआत की और अब इस बढ़ाने के लिए खेती का रकबा बढ़ा रहे हैं। किसान खेती के साथ मधुमक्खी का पालन कर शहद का उत्पादन भी कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा जिले में कलस्टर बनाकर जैविक खेती की शुरूआत की गई थी। किसानों को प्रशिक्षण, जैविक खाद और कीटनाशक संबंधी जानकारी व संशाधन उपलब्ध कराए गए। किसान रामचरण ने गत वर्ष आधा एकड़ में 20 किलो चना लगाकर केंचुआ खाद, जीवामृत, टी आकार की खूंटी, नीम तेल का उपयोग कर तीन क्विंटल जैविक चना उत्पादन प्राप्त किया। इस चने का उपयोग अगले वर्षो में बीज के रूप में कर अन्य किसानों को दिया, जिससे कई अन्य किसानों ने चना की जैविक खेती शुरू की। इसी तरह किसान महेश लोधी, हरगोविंद सिंह ने एक-एक एकड़ में जैविक तरीके से गेहूॅ की खेती की और अच्छा उत्पादन प्राप्त किया। सेमरा के सरपंच सुनील सेन भी अब जैविक खेती कर रहे हैं। सेमरा के किसानों ने कृषि विज्ञान केन्द्र से प्रशिक्षण लेकर मधुमक्खी बॉक्स से शहद का उत्पादन भी शुरू कर दिया। अभी 28 बॉक्स से शहद का उत्पादन किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक स्वप्निल दुबे ने बताया कि सेमरा के किसान जैविक खेती को अपनाकर खुश है। हर साल उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है। केंचुआ खाद, वर्मीवाश, वर्मी कम्पोस्ट से खेती करने वाले किसानों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है

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