सड़कों के कारण कई गांव हुए नॉट रिचेबल, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

सड़कों के कारण कई गांव हुए नॉट रिचेबल, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-28 07:00 GMT
सड़कों के कारण कई गांव हुए नॉट रिचेबल, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

डिजिटल डेस्क,लाखांदुर (भंडारा)। तहसील में अनेक सड़कोंं का निर्माणकार्य शुरू होने के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इस कारण शाला के विद्यार्थी व सामान्य नागरिकों को आवाजाही करने में काफी परेशानी सहनी पड़ती है। अनेक मर्तबा यातयात बाधित होने के कारण व साधन के अभाव के चलते ग्रामीणों को गांव लौटना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों को विविध प्रकार के सरकारी कामकाजों के लिए तहसील स्थान तक पहुंचने के लिए अनेक समस्याओं को झेलना पड़ता है। इस कारण शाला के विद्यार्थी, किसान व कर्मचारियों को भी मानसिक व शारीरिक परेशानी हो रही है, परंतु संबंधित विभाग की नजर में यह छिटपुट समस्या होकर अनदेखी की जा रही है। इस कारण तहसील के गांव नॉट रिचेबल हो गए हैं।

तहसील के लाखांदुर-साकोली, लाखांदुर-वडसा, लाखांदुर-कुडेगांव-मोहरणा, लाखांदुर-दंभेविरली, गवराला-मोहरणा, मोहरणा-दोनाड- विरली बु. आदि अन्य अनेक सड़कों का निर्माण कार्य शुरू है। इस कारण कारण सड़कों की खुदवाई की गई है। शेष बची सड़कें गड्ढों से पटी हुई हैं। एक ही समय पर दोनों दिशाओं से वाहन आने पर यातायात बाधित हो जाता है। कालीपीली वाहन दुर्घटना के उपरांत से अवैध निजी यात्री यातयात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। सड़कों का अभाव होने के साथ-साथ अनेक गांव के लिए बस फेरियां नहीं है। इसका सबसे अधिक खामियाजा लाखांदुर- साकोली मार्ग के बारव्हा, तावशी, पारडी, दिघोरी, साखरा, जैतपुर, खोलमारा, तई और लाखांदुर-मोहरणा मार्ग के कुडेगांव, रोहणी, गवराला, मोहरणा, खैरणा, दोनाड, किरमटी, डांभेविरली, खैरी/पट, विहिरगांव, टेंभरी के किसान व विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। इन गांवों से सरकारी कामकाजों के लिए आने वाले किसान, कर्मचारियों को बड़ी जद्दोजहद के साथ यात्रा करनी पड़ती है। बारिश के दिनों में इन मार्गों पर बस सेवा व निजी यात्री सेवा ठप रहने  से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। 

जहां गांव वहां बस योजना ठंडे बस्ते में

प्रशासन की अनदेखी के कारण ग्रामीण परिसर के किसान व विद्यार्थियों को शैक्षणिक व सरकारी कामकाजों से वंचित रहना पड़ रहा है। इस कारण ग्रामीण परिसर के सड़कों का निर्माणकार्य शीघ्र पूर्ण कर जहां गांव वहां बस सरकारी योजना पर अमल करने की आवश्यकता है। आज भी तहसील के ग्रामीण परिसरों तक बस नहीं पहुंची है। इस कारण तीन से पांच किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर विद्यार्थियों को आगे की यात्रा बस के जरिए करनी पड़ती है। बारिश के तीन माह में शाला के विद्यार्थी शाला तक नहीं पहुच पाते हैं।  इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जनप्रतिनिधियों से समस्या का निराकरण करने की मांग तहसील के ग्रामीणों ने की है। 

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