ST बसों के पहिये थमे, यात्री परेशान, स्टैंड पर सन्नाटा

ST बसों के पहिये थमे, यात्री परेशान, स्टैंड पर सन्नाटा

Tejinder Singh
Update: 2018-06-09 10:56 GMT
ST बसों के पहिये थमे, यात्री परेशान, स्टैंड पर सन्नाटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वेतन को लेकर एसटी महामंडल के कर्मचारी अघोषित हड़ताल पर हैं। इससे शुक्रवार को करीब 60 प्रतिशत बसों के पहिये थमे रहे। बाहरी क्षेत्रों से आ कर रात में रुकने वाली बसें ही वापस लौटीं, जबकि नागपुर डिपो से निकलने वाली बसें नहीं चलीं। इससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वैवाहिक सामारोह, या गर्मी की छुट्टियों में बाहर जाने वाले यात्री बसों के इंतजार में परेशान रहे। आंदोलन किसी भी संगठन की ओर से नहीं किए जाने से अघोषित है। ऐसे में बसें कब पूर्ववत स्थिति में चलेंगी यह कहना कठिन है। 

दिन भर पूछताछ करते रहे यात्री
गणेशपेठ बस स्टैंड से रोजाना करीब 1200 बसें आवागमन करती हैं। करीब 25 हजार से अधिक यात्री रोज यहां से सफर करते हैं। वेतनवृद्धि नहीं होने से गुरुवार की मध्यरात्रि से कुछ कर्मचारियों ने काम बंद आंदोलन शुरू किया है। राज्य स्तरीय इस आंदोलन को नागपुर में भी भारी प्रतिसाद मिला है, जिससे गणेशपेठ बस स्टैंड पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। सुबह 5 बजे से बसों के इंतजार में बैठे यात्रियों को 11 बजे के बाद भी बसें नहीं मिलीं। उमस और गर्मी के बीच परेशान यात्री पूछताछ केन्द्र पर जानकारी लेते रहे।

दोपहर 12 बजे कुछ कर्मचारियों ने काम बंद को प्रतिसाद न देते हुए अपने काम पर लौटे, तो कुछ बसें चलाई गईं, इससे यात्रियों को थोड़ी राहत मिली। रात तक केवल 40 प्रतिशत ही बसें चलीं, जिनमें यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे थे। कई यात्रियों को मजबूरी में ने निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा।

इन डिपो से नहीं निकली बसें 
गणेशपेठ बस स्टैड के अलावा दो और डिपो हैं। इसमें घाट रोड स्थित सीबीएस और वर्धमानगर, एनआर-1 घाट रोड डिपो शामिल हैं। यहां से रोजाना दर्जनों बसें निकलती हैं, लेकिन आंदोलन के कारण डिपो से एक भी बस नहीं निकली। गणेशपेठ बस स्टैंड में इन दिनों नवीनीकरण का काम शुरू है। ऐसे में यात्रियों के लिए शेड भी नसीब नहीं है। चिलचिलाती धूप में खड़ा रह कर यात्रियों को बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। शुक्रवार को बसें नहीं चलने से यात्रियों को धूप में घंटों इंतजार करना पड़ा। दिनभर उमस रहने से यात्री बेहाल रहे।

हड़ताल के दौरान निजी वाहन ढो सकेंगे यात्री
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से यात्रियों की परेशानी को दूर करने के लिए गृह विभाग, मंत्रालय मुंबई ने नया फरमान जारी किया है, जिसमें एसटी बस कर्मचारियों का आंदोलन खत्म होने तक निजी वाहनों को यात्री वाहन बनने का अधिकार दिया गया है। इससे कुछ दिनों तक स्कूल बस से लेकर निजी ऑटो वालों की चांदी रहेगी।

कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 2, 3 वर्ष के बाद होनेवाली वेतनवृद्धि से राज्य के एसटी कर्मचारी संतुष्ट नहीं है, जिसके कारण बेमियाद आंदोलन की घोषणा की गई है। यात्रियों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए शहर में बिना परमिट चल रहे निजी वाहनों को उपरोक्त विभाग की ओर से बसों की हड़ताल खत्म होने तक यात्री वाहन बनने की अनुमति दी गई है। इन दिनों शहर के स्कूलों को छुट्टी होने से स्कूल बसें खाली हैं। आदेशानुसार ये बसें सवारी ढो सकेंगी। निजी वाहन भी यात्रियों को बिना रोक-टोक के ले जा सकेंगे। आंदोलन खत्म होते ही आदेश रद्द माना जाएगा।
 

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