बिजली आने से पहले आया बिल, साल भर से आ रहे बिलों से रहवासी परेशान

बिजली आने से पहले आया बिल, साल भर से आ रहे बिलों से रहवासी परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-07 08:14 GMT
बिजली आने से पहले आया बिल, साल भर से आ रहे बिलों से रहवासी परेशान

डिजिटल डेस्क, शहडोल। बिजली आई नहीं और झटके लगने लगे। जी हां गोहपारू जनपद के कुछ मजरे-टोलों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है, लेकिन बिजली के बिल आने लगे हैं और यह पिछले एक साल से आ रहे हैं। परेशान लोगों लोगों ने पंचायत के माध्यम से बिजली विभाग प्रमाणपत्र भी दिलवा दिया। इसके बावजूद बिल आ रहे हैं। जब वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने तत्काल संबंधित जेई को मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है।

एक तरफ प्रदेश सरकार बीपीएल परिवारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बिजली के बिल माफ कर रही है। जहां बिजली नहीं है, सौभाग्य योजना के तहत वहां बिजली पहुंचाई जा रही है। वहीं बिजली विभाग की लापरवाही से आदिवासी गरीब परिवारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। गोहपारू जनपद के चुहरी से लगे हुए छोहरी, मौहाटोला, नवा टोला के ग्रामीण काफी समय से बिजली के बिल को लेकर परेशान हैं। उनका कहना है कि हमारे घरों में बिजली के कनेक्शन ही नहीं लगे हैं, इसके बाद भी बिल भेजा जा रहा है। इतना ही नहीं कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर क्षेत्र के बिजली कर्मचारी हर बार गरीब आदिवासियों से 200 से 300 रुपए भी वसूल लेते हैं।

7 हजार से ज्यादा हो गया बकाया
पिछले साल 14 जून को ग्राम पंचायत नवाटोला के सचिव की ओर से यह प्रमाण पत्र बिजली विभाग को दिया गया था कि गोदिंया बाई पति बिहारी बैगा निवासी ग्राम छोहरी के नाम पर कोई विद्युत मीटर नहीं है। इसके बाद भी बिल दिया जा रहा है। इसे बंद किया जाए। बिजली विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी ने इसकी तस्दीक कराई, तो 20 अगस्त को किसी एसके खरे ने जांच कर बताया कि उपभोक्ता के यहां पोल से कोई कनेक्शन नहीं है। न ही सर्विस तार व मीटर लगा है। इसके बाद एक सितंबर को गोंदिया बाई के नाम से फिर बिल जारी होता है, 3842 रुपए का। इसमें 1071 वर्तमान और 2771 पुराना बिल बताया गया है। तमाम कोशिशों के बाद भी बिल आना नहीं रुका। मार्च 2018 में जो बिल जारी हुआ उसमें बकाया 7270 रुपए हो चुका था।

बिजली के नाम पर गड़े हैं पोल
इसी तरह छोहरी गांव के ही बाबूलाल यादव के पास भी लगातार बिजली के बिल आ रहे हैं। जबकि उसने भी सचिव से प्रमाण पत्र दिलवा दिया है और बिजली विभाग ने उसके घर की जांच भी करा ली है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस गांव में अभी तक बिजली लगी ही नहीं है। विभाग की ओर से पोल बस लगवाए गए हैं। कुछ पोल से ग्रामीणों ने खुद ही गाड़ दिए हैं। बिजली विभाग की ओर से मिल रहे झटके से लोग इतने सहम गए हैं कि उन्हें अब बिजली की जरूरत महसूस नहीं होती है।

गौरतलब है कि छोहरी गांव की तरह ही विद्युतीकरण से छूटे मजरे टोलों में बिजली कनेक्शन देने के लिए ही सौभाग्य योजना शुरू की गई है, लेकिन सभाग में सौभाग्य योजना का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। योजना के तहत चिन्हित किए गए आधे घरों में भी अभी तक बिजली नहीं पहुंची है।

 

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