कान्हा टाइगर रिजर्व में हाथियों को होगी खातिरदारी - एक सप्ताह तक चलेगा आयोजन

कान्हा टाइगर रिजर्व में हाथियों को होगी खातिरदारी - एक सप्ताह तक चलेगा आयोजन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-07 14:18 GMT
कान्हा टाइगर रिजर्व में हाथियों को होगी खातिरदारी - एक सप्ताह तक चलेगा आयोजन

 डिजिटल डेस्क  बालाघाट । कान्हा टायगर रिजर्व के अंतर्गत सूपखार परिक्षेत्र में 6 अगस्त से 12 अगस्त तक हाथियों का पुर्नयौवनीकरण रेजुविनेशन केम्प का आयोजन प्रारंभ हो गया है । विगत अनेक वर्षों से कान्हा टायगर रिजर्व में विभागीय हाथियों का प्रबंधन किया जाता है। वर्तमान इन हाथियों का प्रमुख उपयोग वन्यप्राणियों की सुरक्षा, गश्ती, वन्यप्राणी बचाव, बाघ उपचार,  वन्यप्राणी अनुश्रवण आदि कार्य में किया जाता है। हाथी रिजुविनेशन केम्प के दौरान 16 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देख-रेख की जाएगी। इस दौरान सभी महावत एवं चारा काटकर विभागीय हाथियों को पूर्ण आराम के अतिरिक्त उनकी विशेष सेवा में रहेंगे तथा हाथियों को अतिरिक्त खुराक विटामिन्स फल-फूल आदि परोसे जायेंगे। इस अवसर पर हाथियों की सेवा में लगे समस्त महावतों एवं चाराकटरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाएगा। इस अवधि में प्रतिदिन प्रात: चाराकटर द्वारा हाथियों को नहलाकर रिजुविनेशन केम्प में लाया जाता है एवं केम्प में हाथियों के पैर में नीम तेल तथा सिर में अरण्डी तेल की मालिश की जाती है। इसके पश्चात गन्ना, केला, मक्का, आम, अनानास, नारियल आदि खिलाकर जंगल में छोड़ा जाता है। दोपहर में हाथियों को जंगल से वापस नहलाकर केम्प में लाया जाता है। इसके पश्चात केम्प में रोटी, गुड़ नारियल पपीता खिलाकर उन्हें पुन: जंगल में छोड़ा जाता है। रिजुविनेशन केम्प के दौरान हाथियों के रक्त के नमूने जांच हेतु लिये जाते है। हाथियों के नाखूनों की ट्रिमिंग, दवा द्वारा पेट के कृमियों की सफाई तथा हाथी दांत की आवश्यकतानुसार कटाई की जाती है। ऐसे केम्प के आयोजन से एक ओर जहां हाथियों में नई ऊर्जा का संचार होता है एवं मानसिक आराम मिलता है, वहीं इन सामाजिक प्राणियों को एक साथ समय बिताने का अनोखा अवसर प्राप्त होता हैं।

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