जयपुर - कोचिंग हब की बाधा दूर 19 शोरूम का अतिक्रमण हटाया

जयपुर - कोचिंग हब की बाधा दूर 19 शोरूम का अतिक्रमण हटाया

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-07-23 12:55 GMT
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डिजिटल डेस्क, जयपुर, 23 जुलाई। आवासन आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने बताया कि राजस्थान आवासन मंडल द्वारा प्रताप नगर योजना में निर्मित किए जा रहे कोचिंग हब के मुख्य द्वार पर कुछ लोगों ने 20 से 25 वर्षों से अवैध रूप से 19 शोरूम बनाकर अतिक्रमण कर रखा था, जिसे उन्होंने गुरूवार को स्वयं मौके पर जाकर हटवाया। उल्लेखनीय है कि अतिक्रमण मुक्त करवाई गई इस भूमि का मौजूदा बाजार भाव लगभग 50 करोड़ रूपये है। इस कार्यवाही में रोचक बात यह है कि आयुक्त की समझाइश पर अतिक्रमियों ने स्वयं अतिक्रमण हटाया। आयुक्त श्री अरोड़ा ने बताया कि इस अतिक्रमण के हटने से कोचिंग हब के निर्माण में आ रही समस्त बाधाएं दूर हो गई हैं और अब कोचिंग हब का निर्माण शीघ्र हो सकेगा। मंडल द्वारा अतिक्रमियों के विरूद्ध भी सहानुभूति रखते हुए उनके पुनर्वास के लिए पन्नाधाय सर्किल के खंदे में एक व्यावासायिक योजना बनाई, जहां इन लोगों को आरिक्षत दर की दोगुनी दर पर दुकान के लिए भूखंड आवंटित कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि खाली कराई गई भूमि पर मंडल द्वारा आमजन के हित में बेहतर कार्ययोजना बनाते हुए यहां 72 वर्गमीटर के 12 शोरूम विकसित कर, इनका ई-ऑक्शन के माध्यम से निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में सम्बंधित पक्षों द्वारा न्यायालय के माध्यम से स्थगन के प्रयास भी किए गए, लेकिन मंडल द्वारा न्यायालय में प्रभावी पैरवी की गई और स्थगन नहीं होने दिया। इसी का ही परिणाम है कि अतिक्रमियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए, इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया जा सका। आयुक्त ने कोचिंग हब प्रोजेक्ट की मौके पर ही समीक्षा की और निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने चारदीवारी सहित लेवलिंग जैसे कार्याें का निरीक्षण किया और संवेदक को समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। 68 हजार वर्गमीटर में बनेगा प्रदेश का पहला कोचिंग हब 231 करोड़ रूपये खर्च होंगे, बोर्ड को मिलेगा 416 करोड़ रूपये का राजस्व आवासन आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की अनुपालना में जयपुर की प्रतिष्ठित प्रताप नगर आवासीय योजना के सेक्टर 16 में लगभग 70 हजार विद्यार्थियों की क्षमता वाले प्रदेश के पहले कोचिंग हब का निर्माण किया जाएगा। यह कोचिंग हब 65 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इस कोचिंग हब की खास बात यह होगी कि यहां उपलब्ध भूमि के 40 प्रतिशत क्षेत्र मंब ही निर्माण कराया जाएगा, 60 प्रतिशत क्षेत्र खुला ही रहेगा। इस कोचिंग हब का निर्माण दो फेज में कराया जाएगा। कोचिंग हब के निर्माण पर 231 करोड़ रूपये का खर्च होगा और मंडल को इस प्रोजेक्ट से करीब 416 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त होगा। कोचिंग हब के निर्माण से पूर्व परियोजना की वित्तीय फिजिबिलिटी का एमएनआईटी से परीक्षण भी कराया गया, जिसमें एमएनआईटी ने इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह वायबल एवं उपयोगी माना है। कोचिंग हब में कुल 8 सांस्थानिक टावर बनेंगे। इनमें प्रथम फेज में 5 और द्वितीय फेज में 3 टावर बनेंगे। प्रत्येक टावर 7 मंजिल का होगा, जिसमें कुल 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल निर्मित किया जाएगा। इन सभी भवनों के नीचे भूतल में पार्किंग विकसित की जाएगी। निर्माण के बाद कोचिंग संस्थानों को प्रत्येक निर्मित मंजिल बेची जाएगी। कोचिंग हब में 50 हजार वर्गफीट क्षेत्र में 7 मंजिला लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही 800 व्यक्तियों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम का निर्माण कराया जाएगा। छात्रों को रहने के लिए 1100-1100 वर्गमीटर के हॉस्टल व पीजी के लिए 4 भूखंड विकसित किए गए हैं। यह प्राजेक्ट 42 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। कोचिंग हब का निर्माण प्रारंभ हो गया है, जो कि जो कि दिसम्बर 2023 में पूर्ण हो जाएगा। इसका पहला फेज सितम्बर, 2022 में पूरा हो जाएगा। विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बनेगा वैलनेस सेंटर उन्होंने बताया कि कोचिंग हब में विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए यहां वैलनेस सेंटर बनाया जाएगा। अभी विभिन्न कोर्सेज और प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों में तनाव रहता है, जिसकी वजह से वे कई बार गलत कदम भी उठा लेते हैं। इस वैलनेस सेंटर में उन्हें तनाव से मुक्त रखने के लिए काउंसलर्स होंगे और इसके साथ ही ही यहां हेल्थ कोच भी उपलब्ध रहेंगे। 

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