ईओडब्ल्यू की कार्रवाई राइस मिलर्स में हड़कंप, हड़लात पर गए

ईओडब्ल्यू की कार्रवाई राइस मिलर्स में हड़कंप, हड़लात पर गए

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-06 17:00 GMT
ईओडब्ल्यू की कार्रवाई राइस मिलर्स में हड़कंप, हड़लात पर गए


डिजिटल डेस्क बालाघाट। राशन दुकानों में पोल्ट्री ग्रेड चावल सप्लाई होने के मामले मे तीन दिन पहले बालाघाट पहुंची ईओडब्ल्यू की टीम ने दस्तावेज जुटाकर कार्रवाई शुरू कर दी हैं। इधर कार्रवाई से खफा होकर जिले भर के मिलर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। भोपाल में जिले के मिलर्स पर दर्ज प्रकरण को लेकर  जहां एक ओर शनिवार को जिले भर से आए मिलर्सो ने बैठक कर कार्ययोजना तैयार की हैं वहीं रविवार को मिले नही खुल पाई हैं। बालाघाट से सप्लाई किए गए चावल में ईओडब्ल्यू की जांच में गोदिया महाराष्ट्र के मिलर्स भी जद के दायरे में आ सकते हैं। जांच के दायरे में मिलर्सो द्वारा की गई कस्टम मिलिंग के दौरान मीटरों की खपत को लेकर भी जांच की जाएगी।   
सरटेक्स चावल देने का हैं नियम-
केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 से कस्टम मिलिंग एवं समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम एफसीआई के स्थान पर राज्य सरकार को सौंप दिया था। लगभग 12 वर्ष की अवधि में चावल उत्पादन करने वाले प्रदेशों में मप्र से लगे हुए छग एवं महाराष्ट्र में कस्टम मिलिंग के लिए सरटेक्स करके चावल देने का नियम हैं लेकिन बगैर सरटेक्स के चावल सप्लाई किया गया हैं। पांच दशक पुरानी पध्दति  के अनुरूप सरटेक्स से साफ किए बिना ही चावल का भण्डारण मिलर्स से कर रहें हैं। पिछले 12 वर्षो में मिलर्स मिलावट खोरी करते हुए ऐसी स्थिति बना दी हैं, कि पीडीएस के लिए प्रदेश में धान से बनाया जाने वाला चावल की 80 प्रतिशत मात्रा रिसाइकिलिंग के चावल से हो रही हैं,और लगभग 4 से 5 वर्ष पुराना चावल बार-बार घूमकर प्रत्येक वर्ष कस्टम मिलिंग में जमा होता है वह राशन दुकानों के लिए जारी होता हैं।

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