कृषि केंद्रों में ई-पीओएस मशीन अनिवार्य, भुगतान न करने पर लाइसेंस होगा रद्द

कृषि केंद्रों में ई-पीओएस मशीन अनिवार्य, भुगतान न करने पर लाइसेंस होगा रद्द

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-20 06:50 GMT
कृषि केंद्रों में ई-पीओएस मशीन अनिवार्य, भुगतान न करने पर लाइसेंस होगा रद्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि केंद्रों पर खाद की बिक्री का भुगतान ई-पीओएस मशीन से लेना अनिवार्य किया गया है। जो कृषि केंद्र नियम का पालन नहीं करेंगे, उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। रासायनिक खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा यह नियम लागू किया गया है।

आधार कार्ड से संलग्न किया जाएगा
रासायनिक खाद का इस्तेमाल कृषि के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है। किसानों को खाद खरीदी पर सरकार अनुदान देती है, लेकिन किसानों की खाद औद्योगिक उपयोग के लिए ऊंचे दाम पर बेच कर कृषि केंद्रों द्वारा अनुदान हड़प लिया जाता है। खाद के गैर-व्यवहार पर रोक लगाने के लिए सरकार ने किसानों से खाद का भुगतान ई-पीओएस मशीन से लेना अनिवार्य किया है। खाद की खरीदी किसानों के आधार कार्ड से संलग्न की जाएगी। पीओएस मशीन से सरकारी अनुदान सीधे उत्पादक कंपनी के खाते में जमा किया जाएगा। ई-पीओएस मशीन से खरीदी की शर्त लागू करने से दूसरे व्यक्ति के नाम पर खाद खरीदी नियंत्रित की जा सकेगी।

कृषि सेवा केन्द्रों को दी गई मशीनें
सभी कृषि सेवा केंद्रों को ई-पीओएस  मशीन दिए जा चुके हैं। जिले में 930 कृषि सेवा केंद्र हैं। ई-पीओएस  मशीन से खाद का भुगतान लेने के निर्देश कृषि आयुक्त तथा कृषि संचालक कार्यालय से दिए गए हैं। कृषि सेवा केंद्रों द्वारा नियम का पालन करना अपेक्षित है। सख्ती से पालन करना होगा।

उल्लेखनीय है कि किसान खरीफ सीजन की तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में बीज-खाद और अन्य कृषि सामग्री की उन्हें आवश्यकता होती है। बीज-खाद की कालाबाजारी के लिए बोगस नामों का इस्तेमाल होता है। ई-पीओएम मशीन लगने से कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी और किसानों को सही तौर पर लाभ मिल सकेगा।

कालाबाजारी पर लगेगी रोक
रासायनिक खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। जो कृषि सेवा केंद्र संचालक ई-पीओएस मशीन से खाद की बिक्री का भुगतान नहीं लेगा, उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा। - प्रवीण देशमुख, जिला कृषि अधिकारी

 

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