300 करोड़ का भुगतान होने के बावजूद खाली पड़ा ESIC का गोदाम, हैरत में पड़े कार्पोरेशन मेंबर ऑफ ESIC

300 करोड़ का भुगतान होने के बावजूद खाली पड़ा ESIC का गोदाम, हैरत में पड़े कार्पोरेशन मेंबर ऑफ ESIC

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-04 05:43 GMT
300 करोड़ का भुगतान होने के बावजूद खाली पड़ा ESIC का गोदाम, हैरत में पड़े कार्पोरेशन मेंबर ऑफ ESIC

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ESIC ने दवाइयों के लिए हाफकीन को 300 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया, लेकिन दवा गोदाम खाली हैं। एक करोड़ क्षमता के ESIC दवा गोदाम में मात्र एक लाख रुपए की दवाइयां पड़ी हैं। कार्पोरेशन ऑफ ESIC  दिल्ली के मेंबर एस. पी. तिवारी ने  इमामवाड़ा स्थित दवा गोदाम का निरीक्षण किया तो गोदाम खाली देख हैरत में पड़ गए। उन्होंने कहा कि ESIC  के विदर्भ में 3 लाख लाभार्थी हैं। उनके उपचार के लिए गोदाम में एक लाख रुपए की दवा रहना कामगारों की विडंबना है।

बाजार से खरीदने की देते हैं सलाह
ESIC अस्पताल से कामगारों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य सेवा दी जाती है। इन अस्पतालों में दवाइयां नहीं रहने से स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। इमामबाड़ा में ESIC के 3 दवा गोदाम हैं। एक करोड़ रुपए की दवा क्षमता के गोदाम में मुश्किल से एक लाख रुपए की दवा उपलब्ध हैं। बुखार, सर्दी, खांसी, एंटिबायोटिक्स जैसी सामान्य दवाइयां तक मरीजाें को नसीब नहीं हो रही हैं। अस्पताल में जाने पर गंभीर बीमारी से पीड़ितों को भी दवाइयां नहीं मिल रही हैं। उन्हें चिट्ठी लिखकर बाजार से खरीदने की सलाह दी जाती है। खरीदी गई दवाइयों के बिल का भुगतान भी ESIC  से नहीं किया जा रहा है। तिवारी ने बताया कि गोदाम में कार्यरत अधिकारियों का कहना है कि हर महीने दवा की मांग की जाती है। मुश्किल से 10-15 प्रतिशत दवाइयों की आपूर्ति होती है।

मरीजाें का 3 करोड़ बकाया, बिलों का भुगतान तक नहीं
भर्ती मरीजों को जरूरी दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं रहने पर बाजार से लाने के लिए कहा जाता है। मरीज की जेब से खर्च कर मंगवाई गई दवा के बिल का भुगतान ESIC से किया जाता है। तिवारी ने बताया कि ऐसे 3 करोड़ के बिल ESIC पर बकाया हैं। गोदाम में निरीक्षण दौरान एक मरीज वहां मौजूद था। उसने 48 हजार रुपए दवा खरीदी पर खर्च किए। एक वर्ष से अधिक समय हो गया। अब तक 20 चक्कर काट चुका है, उसे बिल का भुगतान नहीं हुआ। 

सीधे अस्पताल को दवा आपूर्ति की सिफारिश करेंगे
ESIC अस्पतालों की हालात काफी दयनीय है। राज्य सरकार की गलत नीतियों से लाभार्थी स्वास्थ्य सेवा से वंचित हैं। कार्पोरेशन की ओर से दिए जाने वाले अनुदान का सही उपयोग नहीं हो रहा है। राज्य सरकार को दिए जाने वाले दवाइयों के अनुदान में कटौती कर सीधे अस्पतालों में दवाइयों की आपूर्ति करने की कार्पोरेशन से सिफारिश की जाएगी।
एस. पी. तिवारी, कार्पोरेशन मेंबर ऑफ ईएसआईसी, दिल्ली

Similar News