खामगांव में मां जगदंबा की हर्षोल्लास के साथ स्थापना, कोजागिरी पूर्णिमा से प्रारम्भ होता है उत्सव

श्रध्दा खामगांव में मां जगदंबा की हर्षोल्लास के साथ स्थापना, कोजागिरी पूर्णिमा से प्रारम्भ होता है उत्सव

Tejinder Singh
Update: 2022-10-10 12:07 GMT
खामगांव में मां जगदंबा की हर्षोल्लास के साथ स्थापना, कोजागिरी पूर्णिमा से प्रारम्भ होता है उत्सव

डिजिटल डेस्क, खामगांव. यहां के जगदंबा सार्वजनिक उत्सव बड़ी देवी मंडल की ओर से श्री जगदंबा उत्सव का आरंभ रविवार, ०९ अक्टूबर कोजागिरी पूर्णिमा के पावन पर्व पर बड़ी देवी की स्थापना की गई। समुचे भारत में केवल खामगांव शहर में यह उत्सव मनाया जाता हैं। कोजागिरी पूर्णिमा के दिन रविवार,०९ अक्टूबर से इस शांति उत्सव को प्रारंभ हुआ हैं। ११ दिन चलनेवाले इस उत्सव के लिए महाराष्ट्र समेत आदि राज्यों से भी माता के भक्त यहां पर खामगांव शहर में आते रहते हैं। जगदंबा देवी को बड़ी देवी के रूप में जाना जाता है। विजयादशमी को असुरो का संहार करने के पश्चात देवी क्रोध में होने के कारण माता का चेहरा लाल रहता हैं। 

७१ मंडलों ने की मां जगदंबा मूर्ति की स्थापना 

इस वर्ष भी खामगांव शहर में ७१ मंडलों ने मां जगदंबा मूर्ति की स्थापना रविवार, ०९ अक्टूबर को की। जिसमें शहर पुलिस थाना अंतर्गत २८ तथा शिवाजी नगर पुलिस थाना अंतर्गत शहर में ४३ समेत घाटपुरी, सुटाला, सजनपुरी, जनुना यहां के सार्वजनिक जगदंबा उत्सव मंडलोंव्दारा मां जगदंबा मूर्ति की विधिवत पूजा-अर्चा कर स्थापना की गई।

जिससे बड़ी देवी का चेहरा लाल बनाया जाता हैं। पश्चात उसे शांत करने के लिए पूजा, अर्चा आराधना, आरती तथा जयकारो से उत्सव मनाया जाता हैं। उत्सव के लिए माता की भव्यतम मूर्ति को उसी स्थान पर साकार करने का कार्य भी यही पर किया जाता हैं, यह विषेश। विधिपूर्वक कोजागिरी पूर्णिमा उपलक्ष्य में माता की स्थापना की गई। सुबह तथा देर रात तक यहां पर दर्शन के लिए माता के श्रध्दालु कतार में लगे रहते हैं। तो प्रतिदिन सुबह शाम को माता की आरतिया गाई जाती हैं। वर्ष १९०८ से यह उत्सव बडे ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। महाराष्ट्र के अलावा आदि राज्यो से भी यहां पर श्रध्दालु दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर ११ दिन चलनेवाले इस उत्सव के दौरान लगातार ११ दिनों तक खामगांव शहर में उत्साह का माहौल बना रहता है। परिसर में यात्रा का स्वरूप प्राप्त होता हैं। उत्सव के दौरान श्रध्दालुओंव्दारा माता के चरणो में अर्पित की गई साड़ियो का वितरण जरूरतमंद को किया जाता हैं। बड़ी देवी संस्थान के विश्वस्त इस दौरान अपने निजी कामो को परे रख माता की सेवा में लगे रहते हैं। इसके अलावा श्रध्दालुगण माता की चरणों में अपनी सेवा अर्पण करते हैं। रविवार, ०९ अक्टुबर को प्राणप्रतिष्ठा की गई तथा १९ अक्तूबर को उत्सव का समापन होकर माता का विसर्जन समीपस्थ घाटपूरी में किया जाएगा।  
 

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