हर साल सड़क के गड्‌ढे बुझाने में खर्च हो जाते हैं करोड़ों रुपए, मुख्य सड़कों पर ही पड़ जाते हैं औसतन 10 हजार गड्ढे

 हर साल सड़क के गड्‌ढे बुझाने में खर्च हो जाते हैं करोड़ों रुपए, मुख्य सड़कों पर ही पड़ जाते हैं औसतन 10 हजार गड्ढे

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-19 11:24 GMT
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डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर की प्रमुख सड़कों पर हर साल औसतन 10 हजार गड्ढे पड़ते हैं। मानसून आरंभ होते ही सड़कों का सर्वे शुुरु हो जाता है। गड्ढे बुझाने का काम भी किया जाता है। इस कार्य के लिए मनपा के हाट मिक्स प्लांट विभाग काम में लगा रहता है। सूचना के अधिकार के तहत मनपा के हाट मिक्स प्लांट विभाग ने ही यह जानकारी दी है। हालांकि गड्ढों को बुझाने के लिए होनेवाले खर्च का ब्यौरा नहीं मिल पाया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि इस संबंध में मनपा के क्षेत्रीय कार्यालय से जानकारी मिल सकती है।

मनपा सूत्र के अनुसार गड्ढा बुझाने के लिए हर साल जुलाई अगस्त माह में ही करोड़ों की निधि खर्च हो जाती है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने इस संबंध में जानकारी मांगी है। अप्रैल 2016 से 16 अगस्त 2019 तक की जानकारी उपलब्ब्ध करायी गई है। शहर में 12 मीटर चौड़ाई व उससे अधिक की सड़कों को ब्यौरा लिया गया है। ये सड़कें शहर के प्रमुख इलाकों से गुजरती है। हाट मिक्स प्लांट विभाग के अनुसार अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक 9395 गड्ढे सड़कों पर पाए गए। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक 9466, अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 11051 व अप्रैल 2019 से 31 जुलाई 2019 तक 4874 गड्ढे शहर की सड़कों पा पाए गए हैं। विभाग की ओर से गड्ढे बुझाने के लिए काम करनेवाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची दी गई है।

साथ ही मशीनों के अलावा मशीनों पर होनेवाले खर्च की भी जानकारी दी गई है। विभाग के अनुसार हर साल मनपा के अंतर्गत जाेन निहाय सर्वे होता है। बरसात के पहले गड्ढों का निरीक्षण किया जाता है। उसके बाद दुरुस्त किया जाता है। 12 मीटर से अधिक चौड़ाई की सड़क पर गड्ढे बुझाने का काम हाट मिक्स प्लांट विभाग करता है। शहर की सड़कों पर रोजाना गड्ढे पड़ते हैं। आवश्यकतानुसार सुधार किया जाता है। मेट्रो रेलवे, सीमेंट सड़क व उड़ानपुल के लिए खुदाई कार्य से होनेवाले गड्ढे के सुधार की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी  व कंपनी की है।

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